लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी में नए सत्र की शोध मेधा छात्रवृत्ति के लिए 10 छात्राओं का चयन किया गया है। शुक्रवार को यूनिवर्सिटी के मंथन हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में वीसी प्रो। आलोक कुमार राय ने इस छात्रवृत्ति में चयनित छात्राओं को प्रमाण पत्र वितरित किए। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो। पूनम टंडन ने बताया कि शोध व अनुसंधान कार्य में महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए पिछले साल शोध मेधा छात्रवृत्ति की शुरुआत की गई थी। दूसरे चरण में इस बार 44 आवेदन पत्र आए थे। वीसी की ओर से गठित विशेष समिति ने इन सभी के इंटरव्यू लिए। अब 10 छात्राओं को छात्रवृति के लिए चयनित किया गया है। छात्रवृत्ति के तहत वित्तीय सहायता के रूप में उन्हें पांच हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाएगा। छात्रवृत्ति की प्रारंभिक अवधि एक वर्ष के लिए होगी। संबंधित छात्रवृत्ति को जारी रखने के लिए छात्रा की उपस्थिति, अनुसंधान की प्रगति संतोषजनक और बिना किसी अनुशासनात्मक विफलता के होनी चाहिए।

इन्हें किया गया चयनित

-अफजा (उर्दू)

-दीक्षा सिंह (प्राणि विज्ञान विभाग)

-अपर्णा सिंह (एप्लाइड इकोनामिक्स)

-निमिषा सिंह (सामाजिक कार्य)

-आफरीन नाज (वनस्पति विज्ञान)

-सीमा यादव (विधि)

-शारदा पांडे (भौतिकी)

-शिखा शुक्ला (शिक्षा शास्त्र)

-नीतू देवी (समाजशास्त्र)

-वंदना राठौर (भौतिकी)

रिजल्ट में गड़बड़ी पर राजभवन ने मांगा जवाब

लखनऊ यूनिवर्सिटी में बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर के आर्गेनिक केमिस्ट्री के प्रश्नपत्र में गलत कापी जांचने की शिकायत का राजभवन ने संज्ञान लिया है। राज्यपाल के विशेष कार्य अधिकारी डॉ। पंकज एल जानी ने वीसी को पत्र भेजकर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है। मामला बीएससी फिफ्थ सेमेस्टर का है। 31 मई को एलयू ने इसके परिणाम जारी किए थे। आर्गेनिक केमिस्ट्री के प्रश्न पत्र में दो से लेकर 15 नंबर देने के आरोप लगाकर छात्रों ने आल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) के नेतृत्व में राजभवन में शिकायत की थी। मांग उठाई थी कि या तो फिर से कापी चेक की जाए या फिर छठे सेमेस्टर के एग्जाम के साथ विशेष बैक पेपर परीक्षा कराई जाए। अब राजभवन ने मामले को संज्ञान में लेकर वीसी को पत्र भेजकर कहा है कि शिकायती पत्र का परीक्षण कर नियमानुसार कार्रवाई करें।