- जिम्मेदारियों में कोताही बरतने पर एलडीए प्रशासन की बड़ी कार्रवाई
- वार्निग दिए जाने के बाद भी नहीं दिखा सुधार, वीसी ने लिया एक्शन
LUCKNOW: बार-बार चेतावनी देने के बाद भी निर्माण और विकास कार्य समय से पूरा न करने वाली फर्मो के खिलाफ एलडीए प्रशासन की ओर से बड़ा कदम उठाया गया है। एलडीए प्रशासन ने 11 फर्मो को एक से छह साल के लिए डिबार कर दिया है। इतना ही नहीं, वीसी की ओर से यह भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि डिबार की गई फर्मे किसी भी सूरत में टेंडर प्रक्रिया में शामिल न हो सकें। वीसी की ओर से इस संदर्भ में सभी एक्जिक्यूटिव इंजीनियर्स को पत्र भी जारी कर दिया गया है।
ये वजहें बताई गईं
फर्मो को डिबार करने की प्रमुख वजह यह बताई गई कि प्राधिकरण के विभिन्न अपार्टमेंट्स की निर्माण एजेंसियों द्वारा अनुबंध के अनुसार निर्धारित अवधि में निर्माण-विकास कार्य पूर्ण नहीं कराए गए। साथ ही समयावृद्धि देने के बाद भी स्थिति जस की तस रही। इससे साफ है कि फर्मो की कार्यप्रणाली से प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही है।
इन पर गिरी गाज
1-फर्म-एसडी इंटरप्राइजेज
प्रोपराइटर/पार्टनर-देशराज सिंह, सोनी सिंह
डिबार की तारीख-24 अक्टूबर 19
डिबार की अवधि-6 माह
2-फर्म-एमएस कांट्रैक्टर
प्रोपराइटर/पार्टनर-महेंद्र प्रताप सिंह
डिबार की तारीख-20 अगस्त 19
डिबार की अवधि-1 साल
3-फर्म-इंदू प्रोजेक्ट्स लि।
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
4-फर्म-सिंटैक्स
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
5-फर्म-एशिया कांस्ट्रक्शन
प्रोपराइटर/पार्टनर-मो.नदीम
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
6-फर्म-प्रताप ट्रेडिंग कंपनी
प्रोपराइटर/पार्टनर-तारा देवी
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
7-फर्म-पवनसुत कांस्ट्रक्शन
प्रोपराइटर/पार्टनर-अभिषेक कुमार सिंह
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
8-फर्म-रुपेश कुमार सिंह
प्रोपराइटर/पार्टनर-रुपेश कुमार सिंह
डिबार की तारीख-31 जुलाई 19
डिबार की अवधि-6 माह
9-फर्म-नरेश इंटरप्राइजेज
प्रोपराइटर/पार्टनर-नरेश चंद्र चौरसिया
डिबार की तारीख-5 अगस्त 19
डिबार की अवधि-1 साल
10-फर्म-पूनम इंटरप्राइजेज
प्रोपराइटर/पार्टनर-ओपी यादव
डिबार की तारीख-11 सितंबर 19
डिबार की अवधि-6 माह
11-फर्म-एसआर इंफोटेक
प्रोपराइटर/पार्टनर-सीमा यादव
डिबार की तारीख-20 सितंबर 19
डिबार की अवधि-6 माह
सवाल भी उठे
ज्यादातर फर्मो को जुलाई, अगस्त और सितंबर में डिबार किया गया है। हाल में ही डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एलडीए में हुए घोटालों की सूची सीएम को भेजकर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। एलडीए प्रशासन द्वारा फर्मो पर की गई कार्रवाई को अब ओपन किये जाने को इस इश्यू से जोड़कर देखा जा रहा है, हालांकि एलडीए प्रशासन ने इस बिंदु को सिरे से नकार दिया है।
टीम को पता होना चाहिए
एलडीए वीसी पीएन सिंह ने बताया कि निर्माण और विकास कार्य समय से पूरा न करने वाली 11 फर्मो के खिलाफ एक्शन लिया गया है। एलडीए में पहली बार इस तरह की कार्रवाई हुई है। कार्रवाई को अब डिस्क्लोज किए जाने पर उन्होंने कहा कि एलडीए सात जोन में बंटा है और एक्जिक्यूटिव इंजीनियर्स टेक्निकल पार्ट चेक करते हैं। ज्यादातर नए एक्जिक्यूटिव इंजीनियर्स हैं, ऐसे में उन्हें भी पता होना चाहिए कि किन फर्मो को डिबार किया गया है। जिससे कंफ्यूजन की स्थिति न रहे।