लखनऊ (ब्यूरो)। अकबरनगर के बाद अब एलडीए की ओर से ऐसे कॉमर्शियल कॉम्प्लैक्स पर फोकस कर दिया गया है, जिनमें निर्माण नियमों में खेल किया गया है। अब एलडीए की ओर से करीब 200 ऐसे कॉम्प्लैक्स चिन्हित किए गए हैैं, जिनके खिलाफ जल्द ही सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई हो सकती है। वहीं दूसरी तरफ, आवासीय परिसरों के खिलाफ भी जांच की जा रही है, जिनमें पास नक्शे के विपरीत निर्माण कराया गया है। हालांकि, अभी उनका आंकड़ा सामने नहीं आया है।

प्रमुख मार्गों पर स्थित हैैं कॉम्प्लैक्स

एलडीए की ओर से जिन कॉम्प्लैक्स की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, उनमें ज्यादातर कॉम्प्लैक्स प्रमुख मार्गों जैसे कानपुर रोड, अयोध्या रोड, सीतापुर रोड, गोमतीनगर विस्तार में स्थित हैैं। अभी तक जो रिपोर्ट सामने आई है, उससे साफ है कि ज्यादातर शॉपिंग कॉम्प्लैक्स में नक्शे संबंधी खेल किया गया है साथ ही लैैंड यूज में भी बदलाव किया गया है। हालांकि, रिपोर्ट पूरी तरह से बनने के बाद ही सारी तस्वीर साफ हो पाएगी।

इन बिंदुओं पर हो रही जांच

1-कॉम्प्लैक्स का निर्माण कब हुआ-सबसे पहले यह देखा जा रहा है कि कॉम्प्लैक्स का निर्माण कब हुआ

2-नक्शा पास कराया गया या नहीं-निर्माण कराने से पहले निर्माणकर्ता की ओर से नक्शा पास कराया गया या नहीं।

3-नक्शा आवासीय पास हुआ या कॉमर्शियल-जो नक्शा पास कराया गया, वो कॉमर्शियल रहा या आवासीय।

4-एफएआर रेशियो क्या रहा-फ्लोर एरिया रेशियो का क्या परसेंटज रहा। क्या उसके तहत ही कदम उठाए गए।

5-सेटबैक की क्या स्थिति है-निर्माण के दौरान सेटबैक के नियमों की तो अनदेखी नहीं की गई।

6-पहले तो कोई नोटिस जारी नहीं हुआ-एलडीए की ओर से पूर्व में कोई सीलिंग या ध्वस्तीकरण का नोटिस तो जारी नहीं हुआ था।

आवासीय पर भी फोकस

एलडीए की ओर से आवासीय निर्माणों पर भी फोकस किया जा रहा है। इसके लिए सबसे पहले रो-हाउसेस की लिस्ट तैयार कराई जा रही है। पहले चरण में करीब 100 से अधिक रो-हाउसेस के प्रोजेक्ट्स शामिल किए गए हैैं, जिनकी जांच की जा रही है। इसके अंतर्गत देखा जा रहा है कि रो-हाउसेस निर्माण से पहले नक्शा पास कराया गया है या नहीं और लेआउट की क्या स्थिति है। अगर नियम विपरीत निर्माण मिलते हैैं, तो साफ है कि रो-हाउस के खिलाफ ठोस एक्शन लिया जाएगा।

हर दिन मॉनीटरिंग

जो भी आवासीय या कॉमर्शियल निर्माण की रिपोर्ट तैयार कराई जा रही है, उसकी लगातार मॉनीटरिंग भी की जा रही है। जिससे किसी भी स्तर पर लापरवाही न हो सके। वहीं अवैध प्लॉटिंग को चिन्हित करने के लिए भी टीमें गठित की गई हैैं, जो प्राधिकरण क्षेत्र में सर्वे करके अवैध प्लॉटिंग स्थल की लिस्ट तैयार कर रही हैैं। अभी तक एलडीए की ओर से 200 से अधिक अवैध प्लॉटिंग प्रोजेक्ट के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की जा चुकी है। इसके साथ ही 50 के करीब प्रोजेक्ट के खिलाफ एक से डेढ़ माह के अंदर कार्रवाई की जाएगी।

पुराने नक्शों की भी जांच

एलडीए की ओर से अपनी योजनाओं में पुराने नक्शों की भी जांच कराई जा रही है। जिससे यह पता लगाया जा सके कि जो नक्शा पास कराया गया था, उसके अनुसार निर्माण हुआ है कि नहीं। अगर नक्शे के विपरीत निर्माण मिलता है तो उसके खिलाफ भी जुर्माना संबंधी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही मामले को विहित प्राधिकारी कोर्ट में भी लाया जाएगा। उसमें सुनवाई के बाद एक्शन लिया जाएगा।

अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। कई कॉम्प्लैक्स की भी जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद एक्शन लिया जाएगा।

डॉ। इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए