लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी को स्मार्ट बनाने और जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए कई योजनाओं का खाका तैयार किया गया है। इन सभी योजनाओं को इंप्लीमेंट करने में 231 करोड़ रुपए के आसपास का बजट रखा गया है। यह जानकारी खुद मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब की ओर से दी गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि नगर निगम, एलडीए और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयास से उक्त योजनाओं को इंप्लीमेंट किया जा रहा है।

ये योजनाएं होंगी इंप्लीमेंट

जल निकासी: ड्रेनेज प्रणाली को बेहतर करने एवं ड्रेनेज सफाई के लिये सुपर जेटिंग मशीन तथा अन्य आवश्यक उपकरणों की खरीद की जा रही है साथ ही मौजूदा पम्पिंग हाउस की क्षमता वृद्धि का कार्य भी किया जा रहा है ताकि जलभराव की समस्या को समाप्त किया जा सके।

स्मार्ट रोड: एक दर्जन से अधिक रोड्स को स्मार्ट बनाने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैैं।

स्मार्ट क्लास: लखनऊ नगरीय क्षेत्र के सभी विद्यालयों में फर्नीचर एवं प्रत्येक विद्यालय के लिये एक स्मार्ट क्लास तैयार किया जा रहा है। इसके साथ ही पुस्तकालय, कंप्यूटर, खेल-कूद, आरओ वॉटर पंप एवं संगीत से संबंधित उपकरण की व्यवस्था भी की जा रही है।

थीम पार्क: लखनऊ स्मार्ट सिटी के अंतर्गत नगर क्षेत्र में हेरिटेज कॉरिडोर के विकास से संबन्धित कार्य जैसे लाइटिंग, लैैंड स्केपिंग, पारिवारिक मनोरंजन के लिये थीम पार्क, फूडकोर्ट तथा जन सुविधाओं के लिये टूरिस्ट इंफॉर्मेशन, बॉयोटॉयलेट, पेयजल व स्ट्रीट लाइटिंग इत्यादि कार्य कराए जा रहे हैैं।

ये काम भी प्रगति पर

-लखनऊ नगर में स्थित केडी सिंह बाबू स्टेडियम में खिलाडिय़ों एवं दर्शकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की दिशा में कार्य प्रगति पर है।

-लोकभवन में डायनिमिक फसाड लाइटिंग का कार्य चल रहा है।

-लखनऊ नगर निगम के जोनल कार्यालय को मॉडल कार्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा।

-लखनऊ नगर निगम में म्यूनिसिपल सेवाओं हेतु लगे वाहनों में फ्यूल सेंसर की स्थापना का कार्य हो रहा है।

-लखनऊ नगर निगम में सम्मिलित किये गये 88 नये गांवों तथा पूर्व से नगर निगम के अधीन भूमियों के चिन्हीकरण व जीआईएस मैपिंग का कार्य।

-वरिष्ठ नागरिकों के लिये कम्यूनिटी रिक्रिएशन सेंटर का निर्माण कार्य।

लगातार की जाएगी समीक्षा

मंडलायुक्त डॉ। जैकब का कहना है कि सभी कार्यों को समय से पूरा करने संबंधी निर्देश दिए गए हैैं। वह खुद चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक स्मार्ट कार्यों की प्रगति जानने के लिए समीक्षा करती रहेंगी। अगर कहीं लापरवाही मिलती है तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।