24 सेक्टर में बांटा गया है राजधानी को

24 प्रशासनिक प्रभारी किए गए नियुक्त

3 से 5 बजे शाम के बीच ले सकेंगे हेल्थ जानकारी

3 स्तरों पर की जाएगी इसकी मॉनीटरिंग

- राजधानी के किसी भी हॉस्पिटल में एडमिट कोविड पेशेंट्स का मामला

- हॉस्पिटल्स की ओर से जारी हेल्पलाइन नंबर्स पर प्रशासनिक प्रभारी रखेंगे नजर

LUCKNOW: अगर आपका कोई अपना कोविड से पीडि़त है और उसका इलाज किसी अस्पताल में चल रहा है तो अब आपको उसकी हेल्थ कंडीशन जानने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। आप रोज शाम को तीन से पांच बजे के बीच खुद पेशेंट से बात करके उसका हालचाल ले सकेंगे। अगर संपर्क करने में कोई समस्या आती है तो जिला प्रशासन टीम की ओर से आपकी मदद की जाएगी और पेशेंट की हेल्थ के संबंध में पूरा अपडेट उपलब्ध कराया जाएगा।

यह है व्यवस्था

जिला प्रशासन की ओर से जो व्यवस्था बनाई गई है, उससे साफ है कि सभी कोविड हॉस्पिटल्स की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। जैसे ही कोई पेशेंट एडमिट होगा तो अस्पताल की ओर से अपना हेल्पलाइन नंबर पेशेंट या उसके तीमारदार को उपलब्ध करा दिया जाएगा। इसके बाद तीमारदार उक्त नंबर पर कॉल करके पेशेंट से उसकी हेल्थ के संबंध में जानकारी ले सकेगा। अगर तीमारदार को लगता है कि उसे प्रॉपर हेल्थ संबंधित जानकारी नहीं मिली है तो वह कोविड कमांड सेंटर में कंप्लेंट दर्ज करा सकेगा। इसके बाद जिला प्रशासन की टीम एक्शन लेगी और तुरंत अस्पताल पहुंचकर तीमारदार को पेशेंट की हेल्थ के संबंध में पूरी जानकारी उपलब्ध कराएगी।

अभी आती समस्या

दरअसल, अभी यह समस्या देखने को मिलती है कि तीमारदारों को अपने पेशेंट की हेल्थ के संबंध में जानकारी लेने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। इसके बावजूद उसे प्रॉपर जानकारी नहीं मिलती है। इसकी वजह से तीमारदार परेशान होते हैं। इसे दूर करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रशासनिक प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है, जिससे तीमारदार को अपने पेशेंट की हेल्थ के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

प्रशासनिक प्रभारियों को जिम्मेदारी

इस समय सभी सीएचसी में प्रशासनिक प्रभारी नियुक्त किए गए हैं, जो होम आईसोलेटेड पेशेंट्स को मेडिकल किट समय से दिलवाने के साथ.साथ कांटेक्ट ट्रेसिंग इत्यादि बिंदुओं को फॉलो करा रहे हैं। अब इन प्रशासनिक अधिकारियों को ही हेल्थ अपडेट संबंधी जिम्मेदारी दी गई है, जिससे तीमारदारों को हॉस्पिटल में एडमिट अपने पेशेंट की हेल्थ के संबंध में नियमित रूप से जानकारी मिल सके। इतना ही नहीं, अगर किसी पेशेंट या तीमारदार को कोई समस्या है तो वे अधिकारियों से शेयर भी कर सकता है। इसके बाद समस्या का तत्काल समाधान कराया जाएगा। सभी प्रशासनिक अधिकारियों को यह भी जिम्मेदारी दी गई है कि अगर कोई होम आइसोलेटेड पेशेंट है तो उसे तुरंत मेडिकल किट मिले। इसके साथ ही अगर उसकी दवा खत्म हो रही है तो तुरंत उसे दवा मुहैया कराई जाए, जिससे दवा लेने में कोई गैप न आ सके। इसकी मॉनीटरिंग भी कमांड सेंटर से किए जाने की व्यवस्था की गई है।

निगम तुरंत कराएगा सेनेटाइजेशन

होम आइसोलेटेड पेशेंट की एक लिस्ट निगम के संबंधित जोन कार्यालय में भी भेजी जाएगी। इस लिस्ट के मिलते ही तत्काल होम आइसोलेटेड पेशेंट के घर सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। साथ ही वेस्ट कलेक्शन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। निगम प्रशासन की ओर से अपील की गई है कि घर से निकलने वाले मेडिकल वेस्ट को अलग डस्टबिन में रखें, जिससे वेस्ट कलेक्शन कर्मी कोरोना संक्रमण से सुरक्षित रहें। निगम प्रशासन की ओर से यह भी अपील की गई है कि कोई भी भवन स्वामी खुले में वेस्ट न फेंके, इससे कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। घर से निकलने वाला वेस्ट सिर्फ निगम कर्मियों को ही दें।

समितियों से समंवय

प्रशासनिक प्रभारी वार्डवार गठित निगरानी समितियों से भी समंवय स्थापित करेंगे, जिससे यह आसानी से पता किया जा सकेगा कि वैक्सीनेशन की स्थिति क्या है। अगर कोई बुजुर्ग है और वो वैक्सीनेशन कराने नहीं जा पा रहा है तो समितियों की ओर से इसके लिए व्यवस्था भी कराई जाएगी। वहीं समितियों की ओर से वार्ड के लोगों को वैक्सीनेशन के लिए भी जागरुक भी किया जाएगा। वहीं समितियों की ओर से वार्ड की सफाई और सेनेटाइजेशन व्यवस्था को लेकर भी लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी। अगर कोई ऐसा होम आईसोलेटेड पेशेंट है, जो हाई रिस्क पर है तो ऐसे में समितियों की ओर से उन पर खास निगरानी रखी जाएगी, जिससे अगर पेशेंट की हेल्थ जरा सी भी खराब होती है तो उसे तत्काल हॉस्पिटलाइज्ड कराया जा सके। कमांड सेंटर से भी ऐसे पेशेंट्स की हेल्थ पर लगातार नजर रखी जाएगी।

वर्जन

तीमारदारों को अस्पताल में एडमिट पेशेंट की हेल्थ के बारे में नियमित रूप से जानकारी मिल सकें। इसके लिए ही प्रशासनिक प्रभारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इस व्यवस्था की कई स्तरों पर कड़ाई से मॉनीटरिंग भी की जा रही है।

अभिषेक प्रकाश, डीएम