Chhath Puja 2023: लखनऊ (ब्यूरो)। इसबार लोगों में व्रत को लेकर जबरदस्त उत्साह है। नदी तट से लेकर घरों तक में सुशोभिता बनाई गई है। वहीं खरना को लेकर महिलाएं दिनभर तैयारियों में लगी रहीं। खरना प्रसाद में गन्ने के रस से बने चावल की खीर के साथ दूध-चावल का पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी बनाई जाती है। इसमें नमक व चीनी का उपयोग नहीं किया जाता है। यह प्रसाद बेहद सात्विकता, श्रद्धा व साफ-सफाई के साथ बनाया जाता है। दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को महिलाओं ने खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद महापर्व छठ का व्रत शुरू किया, जो सोमवार सुबह सूर्योदय के साथ पूरा होगा।

अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जायेगा अघ्र्य
छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार को अस्ताचलगामी सूर्य को व्रती महिलाओं द्वारा अघ्र्य के साथ मुख्य पर्व की शुरुआत होगी। इस दिन व्रती महिलाएं पास की नदी व तालाब जाकर पानी में खड़ी होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देती हैं। इस दौरान व्रती महिलाएं छठ मइया के गीत गाती हैं। वहीं घाट पर बने छठ मइया के प्रतीक सुशोभिता के पास बैठकर पूजन करती हैं। वहीं, 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अघ्र्य देने के बाद प्रसाद वितरण के साथ व्रत का पारण किया जाएगा।

महिलाएं भरती हैं कोसी
व्रती महिला व पुरुष माटी की कोसी पर षष्ठी देवी की पूजा करते हैं। व्रती शाम को पहले अघ्र्य अर्पण के बाद जब घाट से वापस घर को आती हैं तो आंगन में रंगोली बना माटी के हाथीनुमा कोसी की पूजा अर्चना करती हैं, जिसके ऊपर ईख का चलना बनाकर पूजा की जाती है, जिसे महिलाएं कोसी भरना भी कहती हैं। जब कोई मनोकामना पूर्ण होती है तब उसके बाद महिलाएं कोसी भरती है। जिसका छठ पूजन के दौरान अपना विशेष महत्व होता है।

सीएम होंगे चीफ गेस्ट
गोमती नदी तट स्थित लक्ष्मण मेला मैदान में बने छठ स्थल पर अखिल भारतीय भोजपुरी समाज द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा, जिसमें 150 से अधिक कलाकारों द्वारा गीत, नृत्य व गायन व वादन की प्रस्तुतियां शामिल रहेंगी। अध्यक्ष प्रभुनाथ राय के मुताबिक, कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर तीन बजे से सांस्कृतिक मंच से होगा। वहीं बतौर मुख्य अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल हो सकते है। उनके अलावा कई अन्य कैबिनेट मंत्री समेत अन्य मंत्री आदि मौजूद रहेंगे।