लखनऊ (ब्यूरो)। रोडवेज अफसरों की लापरवाही के चलते उन बसों का सफर अब तक नहीं शुरू हो सका है, जिन्हें 10 दिन पहले मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखा कर रवाना कर दिया था। इन बसों के संचालन के लिए अब तक न तो रूट तय किया गया है और न किराया। ऐसे में, इन बसों में सफर करना अभी यात्रियों के लिए सपना बना हुआ है। अधिकारी भी इन बसों के संचालन को टालने में जुटे हैं। बीएस 6 की इन बसों की मेंटीनेंस भी परिवहन निगम के लिए मुसीबत बन रही है। कर्मचारियों की कमी के साथ ही इनकी मेंटीनेंस की एडवांस तकनीक से रोडवेज अधिकारी परिचित नहीं हैं।

प्रशिक्षण के बाद भी ड्यूटी नहीं

पहली बार बीएस 6 मॉडल की 150 बसें परिवहन निगम के बस बेड़े में शामिल हुईं। प्रदेश के 75 जनपदों में दो-दो बसें संचालन के लिए भेजी गईं। लखनऊ में संचालन के लिए छह बसें दी गईं। ये बसें किस रूट पर चलेंगी और इनकी समय साराणी क्या होगी, यह अभी तक तय नहीं हो सका है। इसका जवाब रोडवेज के अधिकारियों के पास नहीं है। नई तकनीक की इन बसों के संचालन के लिए कानपुर कार्यशाला में कई चालकों को प्रशिक्षण भी दिया गया, लेकिन आज तक इनमें किसी की ड्यूटी नहीं लगाई गई। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, प्रदेश भर के डिपो में इन नई बसों की मरम्मत की व्यवस्था नहीं है। मरम्मत करने वाले अधिकारी इस बस की तकनीक से परिचित नहीं हैं। ऐसे में, अधिकारी इन बसों का संचालन टालने में जुटे हैं।

प्रदेश के 75 जनपदों को दो-दो बसें दी गई हैं। संचालन के लिए इन बसों को क्षेत्रों में भेज दिया गया है। यात्रियों की मांग वाले रूटों पर इन बसों को चालया जायेगा। बसों का संचालन शुरू न करने वाले अधिकारी नपेंगे।

-आशुतोष गौड़, प्रधान प्रबंधक संचालन, परिवहन निगम मुख्यालय, लखनऊ