लखनऊ (ब्यूरो)। आखिरकार लंबे इंतजार के बाद नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में युवाओं को रोजगार के अवसर मिलने जा रहे हैैं। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में संविदा पर जूनियर इंजीनियरों की भर्ती प्रक्रिया तेज कर दी गई है। खास बात यह है कि किसी विभाग की संविदा भर्ती में पहली बार पूरी कंप्यूटराइज्ड चयन प्रक्रिया अपनाई जाएगी। यह भी संभावना है कि इस महीने के आखिरी तक भर्ती प्रक्रिया पूरी कर नियुक्ति भी देना शुरू कर दिया जाए।

7930 आवेदन सिविल के लिए

नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग में 525 सिविल और 75 इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल पदों पर जूनियर इंजीनियरों की भर्ती शुरू की गई है। सेवायोजन पोर्टल में पंजीकृत जूनियर इंजीनियर (सिविल) पद के लिए 7930 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है जबकि इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल पद के लिए 2570 अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। साक्षात्कार के 15 दिन के भीतर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटा जाएगा। विभाग के अधिशासी निदेशक प्रिय रंजन कुमार ने बताया कि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है। पूरी प्रक्रिया की उच्च स्तर पर निगरानी की जा रही है। उन्होंने अभ्यर्थियों से भी अपील की है कि किसी प्रलोभन में ना आएं, कोई लालच दे रहा है तो शिकायत करें।

30 हजार वेतन मिलेगा

संविदा के आधार पर भर्ती होने वाले इंजीनियर को हर महीने 30000 रुपए की सैलरी मिलेगी। प्रदेश के विभिन्न जिलों में जरूरत के हिसाब से इंजीनियरों की तैनाती की जाएगी। कोशिश होगी कि चयनित अभ्यर्थियों को मनपसंद जिले में तैनाती दी जाए, ताकि वे पूरी मेहनत और लगन से काम करें।

भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी

विभाग की तरफ से सबसे पहले जूनियर इंजीनियरों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकाला गया फिर आवेदनों को कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर ने मानकों के आधार पर शार्ट लिस्ट किया गया। इसके बाद कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर द्वारा अभ्यथियों की मेरिट तैयार की जा रही है। कम्प्यूटर द्वारा अभ्यर्थियों की इंटरव्यू प्रक्रिया के लिए 10 अंक निर्धारित किये गए हैैं। जिस आधार पर तकनीक के इस्तेमाल से पारदर्शी तरीके संविदा पर जूनियर इंजीनियरों की भर्ती की जाएगी।

हम हर हाथ को रोजगार देने के संकल्प पर आगे बढ़ रहे हैं। जल शक्ति विभाग की हर इकाई इसके लिए प्रयासरत है। नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग लगातार युवाओं को अपने साथ जोड़ रहा है। तकनीक के इस्तेमाल से भर्तियों और तबादले की प्रक्रिया को बेदाग और पारदर्शी बना रहे हैं।

-स्वतंत्रदेव सिंह, जलशक्ति मंत्री