12 सेंटर्स में चलाया गया वैक्सीनेशन प्रोग्राम
1200 हेल्थ वर्कर्स को लगाई जानी थी वैक्सीन
838 हेल्थ वर्कर्स को ही लगाई गई वैक्सीन
362 हेल्थ वर्कर्स ने नहीं लगवाई वैक्सीन
- वैक्सीनेशन को लेकर हेल्थ वर्कर्स में दिखा गजब का उत्साह
- पहले दिन 70 फीसद लाभार्थियों ने लगवाई वैक्सीन
LUCKNOW: लंबे इंतजार के बाद राजधानी में शनिवार को कोरोना के खिलाफ आखिर जंग की शुरुआत हो गई। पीएम संवाद के बाद वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत दोपहर 11 बजे से हुई। सभी 12 सेंटर्स पर हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई। हालांकि कुल 1200 लोगों को वैक्सीन लगाई जानी थी, लेकिन सिर्फ 832 लोगों को ही शनिवार को वैक्सीन लगाई गई। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने बलरामपुर अस्पताल और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने केजीएमयू और बलरामपुर अस्पताल का निरीक्षण किया।
केजीएमयू
57 हेल्थ वर्कर्स को लगी वैक्सीन
यहां वैक्सीनेशन के लिए 50-50 के ग्रुप में दो पालियों में हेल्थ वर्कर्स को बुलाया गया। पीएम संवाद के बाद पहला टीका कनिष्ठ सहायक अमर बहादुर सिंह को 11:05 पर लगाया गया। इसके बाद उन्हें 30 मिनट के लिए ऑब्जर्वेशन रूम में बैठाया गया। वहीं डॉक्टर्स में पहली वैक्सीन पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो। सूर्यकांत को लगाई गई। यहां पूरी ड्राइव के दौरान कोई समस्या सामने नहीं आई। इस दौरान डीएम अभिषेक प्रकाश, वीसी ले.ज। डॉ। बिपिन पुरी, एमएस डॉ। डी हिमांशु आदि मौजूद रहे। यहां पर पहले दिन 57 हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीन लगाई गई।
कोट
पहले दिन वैक्सीनेशन का काम पूरा हो चुका है। यहां किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई है।
डॉ। डी हिमांशु, एमएस केजीएमयू
बलरामपुर अस्पताल
पहली वैक्सीन गीता को
पीएम मोदी के संबोधन के बाद एसएसबी ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर 11 बजे से वैक्सीन लगाने का काम शुरू हुआ। पहली वैक्सीन एसएसबी इंचार्ज गीता देवी को लगाई गई। इसके बाद अन्य स्वास्थ्यकर्मी और चिकित्सकों ने क्रम के अनुसार वैक्सीन लगवाई और ऑब्जर्वेशन रूम में 30 मिनट तक बैठे रहे। यहां महानिदेशक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण दोनों ने वैक्सीन लगवाई। सीएम योगी ने यहां पहुंचकर प्रोग्राम की जानकारी ली और लाभार्थियों से बात की।
कोट
यह वैक्सीनेशन से लोगों के मन से डर व भ्रम को दूर करने का काम करेगा। सभी से अपील है कि बिना डर के कोरोना के खिलाफ जंग में साथ दें।
डॉ। राजीव लोचन, निदेशक बलरामपुर
लोहिया संस्थान
11 बजे शुरू हुआ वैक्सीनेशन
एकेडमिक ब्लॉक के ग्राउंड फ्लोर पर 11 बजे वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ। क्रम के अनुसार सभी को वैक्सीनेशन के लिए बुलाया गया। यहां सबसे पहले डायरेक्टर प्रो। एके सिंह को वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद उन्होंने सभी को बताया कि वैक्सीन पूरी तरह से सेफ है। सभी लाभार्थियों को वेटिंग रुम में 30 मिनट बिताने के बाद ही जाने दिया गया। पूरी ड्राइव करीब 4:30 बजे तक पूरी हो गई।
कोट
सारी प्रक्रिया समय पर पूरी हो गई। पोर्टल को लेकर कुछ समस्या आई थी जो चंद मिनटों में ही दूर कर दी गई थी।
डॉ। श्रीकेश सिंह, लोहिया संस्थान
पीजीआई
शाम 5 बजे खत्म हुआ वैक्सीनेशन
लाभार्थी सुबह 9 बजे से ही आने लगे थे। 11 बजे के बाद सबसे पहले वैक्सीन डायरेक्टर प्रो। आरके धीमान को लगाई गई। इससे पहले उनका मैन्यूल व ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से वेरीफिकेशन किया गया। वैक्सीन लगने के बाद उन्हें आब्जर्वेशन रूम में बैठाया गया। इसके बाद अन्य लोगों को वैक्सीन लगाई गई। यहां शाम 5 बजे तक वैक्सीनेशन का काम हुआ।
कोट
वैक्सीन से डरने की जरूरत नहीं है। यह पूरी तरह सेफ है। पूरा प्रोग्राम अच्छे से पूरा हो गया। किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई।
प्रो। आरके धीमान, निदेशक पीजीआई
अवंतिबाई महिला अस्पताल
11:05 पर शुरू हुआ वैक्सीनेशन
यहां वैक्सीनेशन प्रोग्राम 11:05 बजे शुरू हुआ और पहली वैक्सीन यहां की एसआईसी डॉ। सुधा वर्मा को करीब 11:15 बजे लगाई गई। इससे पहले उनका वेरीफिकेशन भी किया गया। यहां वैक्सीनेशन के दौरान हेल्थ वर्कर्स में काफी उत्साह देखने को मिला।
कोट
पूरी ड्राइव अच्छे से हो गई। लाभार्थी भी समय से आ गये थे। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हुई। अब अगले चरण का इंतजार है।
डॉ। सुधा वर्मा, एसआईसी, अवंतिबाई महिला अस्पताल
सहारा अस्पताल
पहली वैक्सीन डॉ। अंजू शुक्ला को
यहां पीएम संवाद के बाद 11 बजे सीनियर पैथालॉजिस्ट डॉ। अंजु शुक्ला को वैक्सीन लगाई गई। जिसके बाद एक-एक करके अन्य लोगों को वैक्सीन लगाई गई। पूरी ड्राइव यहां पर 5 बजे तक चली। यहां सुबह ठीक 9 बजे वैक्सीन पहुंच गई थीं।
कोट
वैक्सीनेशन प्रोग्राम पीएम संवाद के बाद ही शुरू हो गया। सभी लोग इसमें शामिल होकर बेहद खुश और उत्साहित हैं।
डॉ। अब्बास जैदी, सीएमएस सहारा अस्पताल
मेदांता अस्पताल
डायरेक्टर से हुई शुरुआत
यहां के वैक्सीनेशन चेंबर-1 में सुबह 11 बजे वैक्सीनेशन शुरू हुआ। सबसे पहले डायरेक्टर डॉ। राकेश कपूर को वैक्सीन लगाई गई। उसके बाद सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए उन्होंने दो ऑपरेशन भी किए। ठीक 5 बजे वैक्सीनेशन का प्रोग्राम खत्म हो गया।
कोट
यह वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और कारगर है। लोगों को अफवाहों से बचना चाहिए। इसमे शामिल होने वाले सभी को शुभकामनाएं।
डॉ। राकेश कपूर, निदेशक मेदांता
एरा मेडिकल कॉलेज
69 को लगाई गई वैक्सीन
यहां सबसे पहले वैक्सीन गार्ड अब्दुल कयूम को लगाई गई। यूनिवर्सिटी चांसलर की वाइफ डॉ। हिना खान और प्रिंसिपल डॉ। एमएमए फरीद ने भी वैक्सीन लगवाई.यहां 100 की जगह 96 लोगों को वैक्सीन लगनी थी क्योंकि चार लोग पहले ही छोड़कर जा चुके हैं लेकिन सिर्फ 69 लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई।
कोट
वैक्सीनेशन प्रोग्राम समय पर शुरू हुआ और समय पर ही खत्म हो गया। हेल्थ वर्कर्स में इसे लेकर काफी उत्साह देखने को मिला।
डॉ। एमएमए फरीद, प्रिंसिपल एरा मेडिकल कॉलेज
टीएस मिश्रा अस्पताल
पहली वैक्सीन डायरेक्टर को
वैक्सीनेशन प्रोग्राम 11 बजे शुरू हुआ और पहली वैक्सीन डायरेक्टर डॉ। रवि दुबे को लगाई गई। उन्होंने बताया कि यह टीकाकरण एक तरह से संदेश है कि यह वैक्सीन पूरी तरह से सेफ व प्रभावी है। यहां पर पहले दिन करीब 72 लोगों द्वारा वैक्सीन लगवाई गई।
कोट
हेल्थ वर्कर्स वैक्सीन लगवा रहे हैं, जिससे बाकी लोगों के मन में भी इसे लेकर जो डर है, वह दूर हो जाएगा। वैक्सीनेशन के दौरान कोई समस्या नहीं आई।
डॉ। रवि दुबे, डायरेक्टर टीएस मिश्रा अस्पताल
सीएचसी
माल, चिनहट व मोहनलालगंज
रूरल एरिया में तीन पीएचसी में भी वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाया गया। यहां वैक्सीन कोल्ड चेन से सुबह 9 बजे सेंटर पर भेज दी गई थी। तीनों जगह 11 बजे से वैक्सीनेशन का काम शुरू हुआ और शाम 5 बजे खत्म हो गया।
कोट
किसी भी लाभार्थी को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं आई। कोविड पोर्टल को लेकर कुछ दिक्कत आई थी। लेकिन, बाद में पोर्टल ठीक से काम करने लगा था। सभी जगह वैक्सीनेशन का काम समय पर पूरा हो गया।
डॉ। संजय भटनागर, सीएमओ
बाक्स
हो सकते हैं ये लक्षण
केजीएमयू के पल्मोनरी मेडिसिन के एचओडी प्रो। सूर्यकांत ने बताया कि वैक्सीन लगवाने के बाद कुछ लक्षण सामने आ सकते हैं। जिसमें जिस जगह पर इंजेक्शन लगा हो वहां दर्द, लालिमा आना या कड़ापन हो सकता है। इसके अलावा बुखार, भारीपन, मांसपेशियों में कमजोरी व थकान आदि की समस्या भी हो सकती है। ये सामान्य लक्षण है जो हर वैक्सीन लगने के बाद आ सकते हैं।
बाक्स
सुबह 8 बजे से भेजी गई वैक्सीन
वैक्सीनेशन के लिए 9 कोल्ड चेन प्वाइंट से सुबह 8 बजे से फूलों-गुब्बारों से सजी वैक्सीन वैन पुलिस की फ्लीट संग 12 सेंटर्स के लिए भेजी गई। वैक्सीन की कोल्ड चेन मेनटेन रखने के लिए रियल टाइम ऑनलाइन मॉनिट¨रग की गई। अस्पतालों में वैक्सीन वैन के आते ही निदेशक, अधीक्षक, डॉक्टर, कर्मियों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। लगभग सभी जगहों पर 11 बजे वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरुआत हुई। इस दौरान मेडिकल टीम और एंबुलेंस अलर्ट मोड पर रही।
बाक्स
हर दो घंटे पर अपडेट
वैक्सीनेशन सेंटर्स को इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से कनेक्ट कर दिया है। सभी सेंटर्स को हर दो घंटे में सूचनाएं कमांड सेंटर देना जरूरी था। सेंटर्स पर अभियान की निगरानी के लिए 24 सेक्टर मजिस्ट्रेट व छह जोनल मजिस्ट्रेट तैनात रहे। वहीं सीएमओ, एसीएमओ समेत नोडल अफसरों की टीम अस्पतालों का दौरा करती रही।
बाक्स
कहां कितनों को लगी वैक्सीन
अस्पताल वैक्सीनेशन
केजीएमयू 57
लोहिया 63
एरा 69
अवंतिबाई 81
पीजीआई 56
मेदांता 84
सहारा 78
टीएस मिश्रा 72
बलरामपुर 75
पीएचसी माल 75
पीएचसी चिनहट 69
पीएचसी मोहनलालगंज 67
बाक्स
कहां किसी लगी पहली वैक्सीन
अस्पताल नाम
केजीएमयू अमर बहादुर सिंह, कनिष्ट सहायक
बलरामपुर गीता देवी, एसएसबी इंचार्ज
लोहिया संस्थान प्रो। एके सिंह, डायरेक्टर
पीजीआई प्रो। आरके धीमान, डायरेक्टर
अवंतीबाई डॉ। सुधा वर्मा, एसएसआई
सहारा अस्पताल डॉ। अंजू शुक्ला, सीनियर पैथोलॉजिस्ट
मेदांता अस्पताल डॉ। राकेश कपूर, डायरेक्टर
एरा अब्दुल कयूम, सिक्योरिटी गार्ड
टीएस मिश्रा डॉ। रवि दुबे, डायरेक्टर
स्टोरेज सेंटर से अस्पताल तक भारी सुरक्षा
ऐशबाग स्थित जनपदीय वैक्सीनेशन स्टोरेज सेंटर को मंगलवार से ही किले में तब्दील कर दिया गया। यहां 30 से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं कोल्ड चेन प्वाइंट पर भी 24 घंटे का पहरा लगा दिया गया। इसके बाद वैक्सीनेशन स्थल पर भी पुलिसकर्मी तैनात रहे। सीसी कैमरे भी चप्पे-चप्पे पर लगे हैं। केजीएमयू, लोहिया संस्थान, पीजीआई समेत 12 अस्पतालों के वैक्सीन सेंटरों पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।
अफसरों की फौज रही अलर्ट, हर दो घंटे पर अपडेट
वैक्सीनेशन सेंटरों को इंट्रीग्रेटेड कोविड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर से कनेक्ट कर दिया है। ऐसे में सभी केंद्रों को हर दो घंटे में सूचनाएं कमांड सेंटर देना अनिवार्य रहा। चुनाव की तर्ज पर हर सेंटर की अपडेट कमांड सेंटर में होती रही। वहीं वैक्सीनेशन सेंटरों पर अभियान की निगरानी के लिए 24 सेक्टर मजिस्ट्रेट व छह जोनल मजिस्ट्रेट तैनात रहे। वहीं सीएमओ, एसीएमओ समेत नोडल अफसरों की टीम टीकाकरण केंद्रों का चक्कर लगाती रही। छह सदस्यों की हेल्थ टीम के अलावा हर सेंटर पर स्वास्थ्य विभाग, पुलिस, प्रशासन के एक-एक ऑफिसर व अस्पताल का नोडल ऑफिसर तैनात रहा। ऐसे में 120 लोगों की टीम वैक्सीन सेंटरों पर रही। इसके अलावा निरीक्षण टीमें अलग भ्रमण करती दिखीं।