वाराणसी (ब्यूरो)बारिश का सीजन आते ही सिटी में मच्छरों का आतंक बढ़ गया हैघरों में मच्छरों की तादात लगातार बढ़ रही हैखास बात ये भी है कि इस बार ये मच्छर बहुत ढीठ हो गए हैएक बार घर में घुस गए तो निकलने का नाम नहीं ले रहेसिर्फ रात ही नहीं दिन में भी ये मच्छर हर जगह भिन-भिन कर रहे हैंइनके प्रकोप से लोगों की नींद उड़ गई हैइन्हें भगाने के लिए विभागों की ओर से 27 सौ से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स और कर्मचारियों की फौज लगाई गई, बावजूद इसके ये मच्छर पूरे शहर में मौज कर रहे हैंशहर से लेकर गांव तक कही भी न दवा का छिड़काव हो रहा है और न ही कोई फॉगिंग करते हुए दिखाई दे रहा हैविभाग के इस लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा हैघर को ऐसा कोई कोना नहीं बचा है जहां इनके भिन-भिनाने की आवाज न सुनाई दे रही हो

न फॉगिंग दिख रहा, न छिड़काव

स्वास्थ्य विभाग के जिला मलेरिया विभाग एंव नगर निगम के नगर स्वास्थ्य विभाग को मच्छर भगाने के साथ डेंगू-मलेरिया से बचाव की जिम्मेदारी मिली हैइन दोनों विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों के सफाया और लोगों को इससे होने वाली बीमारियों के प्रति अवेयर करने के लिए बेसिक हेल्थ वर्कर, आशा वर्कर, सुपरवाइजर व अफसरों समेत 2728 लोगों की फौज लगाई गई हैलेकिन इनमें से कोई भी व्यक्ति सिटी में कही भी दिखाई नहीं दे रहाऔर न ही कही फॉगिग और दवा का छिड़काव हो रहाअगर ये सब कुछ होता और टीम एक्टिव होता तो शायद मच्छरों की यह फौज दिखाई न देती

मच्छर फैला रहे डेंगू-मलेरिया

मच्छरों की संख्या लगातार बढऩे से लोग मच्छर जनित बीमारियों का शिकार भी हो रहे हैंइससे डेंगू, मलेरिया, बुखार के साथ अन्य बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे हैंइन दिनों शहर के जिला और मंडलीय अस्पताल समेत सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भीड़ लगी हुई हैइनमें ज्यादातर लोगों में मलेरिया और डेंगू के सिमटम पाए जा रहे हैंजिसके बाद लोगों को मच्छरों से बचने की सलाह दी जा रही हैमलेरिया विभाग के आंकड़ों की माने तो बनारस में डेंगू के अब तक 19 कंफर्म केस आ चुके हैइसमें 16 रैपिड टेस्ट वाले, जबकि तीन एलाइजा टेस्ट से हैहालांकि विभाग रैपिड को कंफर्म केस नहीं सस्पेक्टड की कैटेगरी में रखता हैवहीं करीब 30 से ज्यादा मामले मलेरिया के भी सामने आ चुके

कागजों पर ही है एक्टिव

विभाग के मुताबिक डेंगू-मलेरिया और मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर शहरी क्षेत्र में कुल 70 हॉटस्पाट प्वाइंट बनाए गए हैये वे स्थान है जहां सबसे ज्यादा डेंगू-मलेरिया के केसेस मिलते हैघरों में पनपने वाले लार्वा को नष्ट करने के लिए 34 ब्रिडिंग चेकर को भी लगाया गया हैये लोग घर-घर जाकर एंटी लार्वा का छिड़काव करने के साथ पनपने वाले लार्वा को नष्ट करते हैंलेकिन ये लोग भी कही दिखाई नहीं दे रहे हैंहां कागजों पर ये जरुर एक्टिव हैये हाल अन्य हेल्थ वर्कर्स और फॉगिंग करने वालों का भी है

ये काम है टीम का

-घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करना

-कीटनाशक दवा का छिड़काव करना

-अलग-अलग एरिया व गलियों में फॉगिंग करना

ये बरते सावधानी

-सोते समय मच्छर दानी का यूज करें

-शाम होते ही खिड़कियों, दरवाजों को बंद कर दें

-घर के आसपास गंदगी न होने दें

-फिनायल व दवा का छिड़काव करते रहें

-बच्चों को गंदगी में जाने से रोके

-घर की डेली साफ-सफाई करते रहें.

-बच्चों को फुल बाजू का कपड़ा पहनाकर रखें

शहर में फॉगिंग व छिड़काव की जिम्मेदारी नगर निगम के पासहमारा फोकस डेंगू पर हैलार्वा चेकर की टीम घर-घर पहुंच रही हैताकि डेंगू का मच्छर पनपने न पाए

शरत चंद्र पांडेय, जिला मलेरिया अधिकारी

मच्छरों से बचाव को लेकर युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा हैअगर कही दवा का छिड़काव और फॉगिंग नहीं हो रहा है तो उसकी जांच कराकर संबंधित कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी

डॉएनपी सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी-नगर निगम