लखनऊ (ब्यूरो)। हर साल दिवाली पर पटाखों की वजह से बड़ी घटनाएं होती थीं, पर इसबार लोगों में पटाखे न चलाने को लेकर फैली जागरूकता का असर देखने को मिला। राजधानी के अस्पतालों में पटाखों से होने वाले हादसों में कमी दर्ज की गई है। राजधानी के विभिन्न अस्पतालों में पटाखों से झुलसने वाले करीब 150 लोग ट्रीटमेंट के लिए पहुंचे। राहत की बात यह रही कि इनमें महज 10 लोगों को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ी। हालांकि, इनकी हालत अब सामान्य है। बाकि घायलों को प्राथमिक ट्रीटमेंट के बाद वापस भेजा दिया गया।

इसलिए हुए अधिकतर घायल

डॉक्टर्स के मुताबिक, पटाखों से झुलसे जो लोग अस्पताल पहुंचे उनमें अधिकतर खराब क्वालिटी के पटाखों की वजह से घायल हुए। इसबार घायल बच्चों की भी संख्या कम रही है। कोई अनार तो कोई महताब जलाते समय जल गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कोई गंभीर रूप से जख्मी नहीं हुआ।

सबसे ज्यादा 50 घायल सिविल पहुंचे

दिवाली के अवसर पर पटाखों की वजह से झुलसने वाले सर्वाधिक 59 मरीज सिविल अस्पताल पहुंचे। हालांकि, अधिकतर मरीजों को मामूली चोटें आई थीं। इनमें केवल 2 घायलों को भर्ती कराया गया। अस्पताल के सीएमएस डॉ। आरपी सिंह के मुताबिक, दिवाली में पटाखों से झुलसे दो लोगों को भर्ती करने की जरूरत पड़ी। इलाज के बाद दोनों की हालत खतरे से बाहर है। बाकी घायलों को प्राथमिक इलाज के बाद घर जाने की सलाह दी गई। इसबार अधिक लोगों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। वहीं, केजीएमयू में बर्न के 22 मरीज आए। इनमें आठ घायलों को भर्ती कर ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। ट्रामा सीएमएस डॉ। संदीप तिवारी के मुताबिक, इसबार बीते वर्षों के मुकाबले पटाखों से झुलसे कम लोग अस्पताल पहुंचे। जो भर्ती किए गए, उनमें कोई गंभीर नहीं है। लोगों में जागरूकता का असर देखने को मिल रहा है।

कोई भर्ती नहीं हुआ

दूसरी और बलरामपुर अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घायल पहुंचे। ड्रेसिंग के बाद सबको छुट्टी दे दी गई। सीएमएस डॉ। जीपी गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में घायल कम संख्या में पहुंचे। किसी को भी भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी। जो लोग इमरजेंसी में लाए गए थे उन्हें मामूली चोटें आई थीं। वहीं, लोकबंधु अस्पताल में 30 घायल पहुंचे। इसमें नौ बच्चे भी शामिल थे। एसएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि जो घायल पहुंचे उनमें किसी को गंभीर चोटें नहीं आईं। घायल अस्पताल की इमरजेंसी में तो पहुंचे, पर कोई गंभीर नहीं था। प्राथमिक इलाज के बाद उनको घर वापस भेज दिया गया।

***************************************************

रंग-बिरंगी रोशनी से रौशन हुई दिवाली

इसबार दीपोत्सव पर लखनवाइट्स का उत्साह देखते ही बन रहा था। लोगों ने घरों में लक्ष्मी-गणेश की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की, फिर प्रसाद वितरण के बाद जमकर पटाखे छुड़ाये। इस दौरान पूरा आकाशा रंग-बिरंगी रौशनी से रौशन हो उठा। लोगों ने दो दिनों तक देर रात तक जमकर पटाखे छुड़ाये। दिवाली पर पटाखों की गूंज पिछले वर्षों की तुलना में काफी ज्यादा सुनाई दी। इसबार केवल ग्रीन पटाखों को ही जलाने की अनुमति थी। इसके बावजूद आसमान पटाखों की रौशनी से जगमगा उठा। दिवाली की शाम शुभ मुहूर्त में लोगों ने घरों में परिवार के साथ श्रीगणेश-लक्ष्मी की श्रद्धा व सत्कार के साथ पूजा की। इसके बाद एक-दूसरे का मुंह मीठा कर दिवाली की बधाई दी। बड़ों द्वारा छोटों को दिवाली के गिफ्ट दिए गये, जिन्हें पाकर उनके चेहरे खिल उठे। लोगों ने पूरे हर्षोल्लास के साथ दिवाली मनाई। देर रात तक लोगों का एक-दूसरे के घर जाकर बधाई देने का सिलसिला जारी रहा।