लखनऊ (ब्यूरो)। लोहिया संस्थान में प्रदेश भर से गंभीर मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें कई को खून की जरूरत पड़ती है। यहां रोज 100 से 150 यूनिट खून की खपत होती है। ब्लड बैंक में करीब 700 यूनिट खून उपलब्ध रहता है। अभी संस्थान के ब्लड बैंक में खून में संक्रमण का पता लगाने के लिए सिर्फ एलाइजा जांच कराई जा रही है। जिससे शरीर में 15 दिन पूर्व दाखिल हुए एचआईवी वायरस का पता लगता है। जबकि आईडी-नेट से महज चार दिन पहले हुए एचआईवी वायरस के हमले का पता लग जाएगा। वहीं हेपेटाइटिस-बी एलाइजा से 40 दिन के पूर्व हुए संक्रमण की पहचान होती है। आईडी-नेट मशीन की मदद से 15 दिन के भीतर के संक्रमण की जानकारी होगी।
फ्री होगी जांच
नेशनल हेल्थ मिशन के बजट से संस्थान में करीब ढाई करोड़ की लागत से रीजेंट बेस्ड मशीन मंगाई गई है। जांच फ्री की जाएगी। संस्थान की निदेशक डॉ। सोनिया नित्यानंद ने बताया कि आईडी-नेट से जांचे हुए खून से मरीजों को संक्रमण से बचाने में मदद मिलेगी। लखनऊ और पूर्वी यूपी में इस तरह की पहली मशीन लगाई गई है। इसस रोज 1230 ब्लड सैंपल जांचे जाएंगे।