-हुसैनगंज पुलिस ने किया शातिर ऑटोलिफ्टर्स गैंग का पर्दाफाश

-सरकारी हॉस्पिटल्स थे वारदात के लिये पसंदीदा जगह

-16 गाडि़यां बरामद, कई दर्जन गाडि़यां चोरी करना कबूला

LUCKNOW: महज 4 हजार रुपये में अच्छी कंडीशन की हॉन्डा एक्टिवा मिल जाए तो कौन नहीं खरीद लेगा। यही लालच देकर वे चोरी की एक्टिवा बेच देते थे। हुसैनगंज पुलिस ने ऐसे ही शातिर ऑटोलिफ्टर्स के गैंग का पर्दाफाश किया जो ज्यादातर स्कूटरेट व स्पीड बाइक को अपना निशाना बनाता था और उन्हें नंबर प्लेट बदलकर मामूली कीमत में लोगों को बेच देता था। पुलिस ने गैंग के सरगना समेत पांच मेंबर्स को अरेस्ट करते हुए उनके कब्जे से 16 चोरी की गाडि़यां बरामद की हैं। पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने कई दर्जन गाडि़यां चोरी करना कबूल किया है। पुलिस ने पड़ताल शुरू कर दी है।

चेकिंग के दौरान दबोचा

एसपी ईस्ट शिवराम यादव के मुताबिक, एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह और उनकी टीम बीती रात केकेसी तिराहे पर चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान उन्हें सूचना मिली कि कुछ ऑटोलिफ्टर्स चोरी की गाडि़यां बेचने के लिये सेवाग्राम रेलवे कॉलोनी आने वाले हैं। सूचना पर कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम ने वहां घेराबंदी कर ली और वहां पहुंचे पांच लोगों को दबोच लिया। पकड़े जाने पर उनकी शिनाख्त हाता ख्वाजा गौहर निवासी शारिक खान, मोहनलालगंज निवासी मो। अशरफ खान, मो। चांद, डालीगंज निवासी अरहान सिद्दीकी और कुर्मी टोला हुसैनगंज निवासी मनोज गुप्ता के रूप में हुई। पुलिस ने जब उनके पास मौजूद गाडि़यों के कागज मांगे तो वे टालमटोल करने लगे। सख्त पूछताछ में आरोपियों ने इन गाडि़यों को चोरी करना कबूल लिया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर कुल 16 चोरी की एक्टिवा व बाइक बरामद की हैं।

तीमारदारों को बनाते थे निशाना

पूछताछ के दौरान अभियुक्तों ने बताया कि शारिक खान उनके गैंग का सरगना है। उनका गैंग सरकारी हॉस्पिटल्स में वारदात को अंजाम देना पसंद करते थे। वजह पूछने पर आरोपियों ने बताया कि सरकारी हॉस्पिटल्स में पार्किंग का ठेका नहीं होता इसलिए वे बलरामपुर हॉस्पिटल, ट्रॉमा सेंटर, सिविल हॉस्पिटल में रेकी करते और लावारिस खड़ी गाडि़यां चोरी कर लेते थे। अभियुक्तों ने बताया कि वे ज्यादातर एक्टिवा स्कूटरेट चोरी करना पसंद करते थे। अभियुक्तों का कहना था कि चूंकि इस गाड़ी के लॉक आसानी से टूट जाते हैं, इसलिए चोरी में आसानी होती थी। वहीं, यह गाड़ी ज्यादातर महिलाएं चलाती हैं इसलिए, ट्रैफिक पुलिस व सिविल पुलिस उसके कागज न होने पर सख्ती नहीं बरततीं। अभियुक्तों ने बताया कि एक्टिवा न मिलने पर वे लोग अपाचे बाइक चोरी करना पसंद करते थे। यह गाड़ी युवा बिना कागज खरीदने को तैयार हो जाते थे।

दिखावे के लिये दूसरे धंधे

एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह ने बताया कि गिरफ्त में आए सभी ऑटोलिफ्टर्स वाहन चोरी के साथ ही दिखावे के लिये दूसरे धंधे करते थे। उन्होंने बताया कि अरहान सिद्दीकी ने हजरतगंज स्थित नाजा मार्केट में कंप्यूटर व लैपटॉप रिपेयरिंग की दुकान खोल रखी है। जबकि, मो। चांद मोहनलालगंज में फैब्रिकेशन की दुकान संचालित करता है.मनोज गुप्ता फूलों की सजावट का काम करता है। इसके अलावा अशरफ मोहनलालगंज में टेम्पो चलाता है। एसओ सिंह ने बताया कि गैंग का सरगना शारिक इससे पहले भी चौक पुलिस द्वारा अरेस्ट कर जेल भेजा जा चुका है। अभियुक्तों ने बताया कि वे अब तक तीन दर्जन से ज्यादा गाडि़यां चोरी कर बेच चुके हैं। पुलि ने पड़ताल शुरू कर दी है।

जल्द कागज दिलाने का करता था वायदा

पूछताछ के दौरान शारिक ने बताया कि वह चोरी की एक्टिवा या बाइक को युवकों को महज 4 हजार रुपये में बेचता था। कागज मांगे जाने पर वह उन्हें जल्द कागज दिलाने का वायदा करता था। मामूली कीमत होने की वजह से युवक उससे फौरन बाइक ले लेते थे। आरोपियों ने बताया कि वे रोज दो गाडि़यों को चोरी करने का टारगेट बनाते थे।