लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में जल्द ही ब्लड कैंसर और हिमेटोलॉजिकल डिसआर्डर की ज्यादा सटीक जांच हो सकेगी। इसके लिए पैथालॉजी में जल्द ही एडवांस नेक्स्ट जेन सीक्वेंसिंग शुरू होगी। अभी तक यह जांच केजीएमयू में नहीं होती थी, लेकिन जल्द ही इसको शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। यह जानकारी पैथालॉजी विभाग के हेड डॉ। यूएस सिंह ने हिमेटोलॉजिकल डिसऑर्डर पर हुए कार्यक्रम के दौरान दी।

मरीजों को मिलेगी टारगेटेड थेरेपी

कार्यक्रम में सीएमसी वेल्लौर के डॉ। ए अरुण कुमार ने बताया कि मॉलिकुलर जांचों से न केवल सटीक डायग्नोसिस की जा सकती है बल्कि टारगेटेड थेरेपी देने में भी यह बेहद कारगर है। इसमें अब सबसे एडवांस नेक्स्ट जेन सीक्वेंसिंग भी होने लगी है, जिसमें ब्लड कैंसर समेत अन्य हिमेटोलॉजिकल डिसऑर्डर में इस जांच की मदद से क्रोमोसोम्स की सीक्वेंसिंग देख सकते हैं। इससे डॉक्टर सटीक डायग्नोसिस करने के साथ मरीज को गंभीर से गंभीर कैंसर में टारगेटेड थेरेपी से ठीक कर सकते हैं। डायग्नोसिस के अलावा अब एडवांस मॉलिकुलर जांचों से इलाज के प्रभाव को भी जांच सकते हैं। नेक्स्ट जेन सीक्वेंसिंग सबसे एडवांस जरूर है, लेकिन यह जांच अभी सभी जगहों पर नहीं हो रही है।

रिसर्च और समय के साथ होगी सस्ती

डॉ। ए अरुण कुमार ने आगे बताया कि यह जांच थोड़ी महंगी होती है, लेकिन इसपर अधिक रिसर्च के जरिए समय के साथ इसमें कमी लाई जा सकती है। यह जांच मरीजों के लिए बेहद कारगर साबित होगी, क्योंकि इसकी मदद से सही ट्रीटमेंट की दिशा तय की जा सकेगी। वहीं, डॉ। मिली जैन ने बताया कि पैथालॉजी विभाग में कई नई मॉलिकुलर जांच शुरू होने वाली हैं, जिससे कई बीमारियों की जांच अब संभव हो जाएगी। ऐसे में मरीजों को बेहतर ट्रीटमेंट में काफी फायदा मिलेगा।