लखनऊ (ब्यूरो)। अभी तक की जांच में जो जानकारी सामने आई है, उससे साफ है कि गोमतीनगर और टीपी नगर योजना के अंतर्गत कॉमर्शियल प्लॉट्स की रजिस्ट्री में ज्यादा खेल किया गया है। वजह यह है कि कॉमर्शियल प्लॉट्स की कीमत करोड़ों में है। कहीं न कहीं इस फर्जीवाड़े के पीछे प्राधिकरण के कर्मचारी भी शामिल हैैं और उनकी भूमिका की भी जांच कराई जा रही है। प्राधिकरण के प्लॉट्स की फर्जी रजिस्ट्री कराए जाने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। इसके बाद से ही प्राधिकरण की ओर से अपनी सभी योजनाओं में प्लॉट्स की रजिस्ट्री संबंधी अभिलेखों की जांच कराई जा रही है।

रजिस्ट्री ऑफिस से मंगाए अभिलेख
जिन प्लॉट्स की रजिस्ट्री में खेल मिला है, उनसे जुड़े अभिलेख प्राधिकरण में तो खंगाले ही जा रहे हैैं साथ ही रजिस्ट्री ऑफिस से भी वो कागजात मंगाए जा रहे हैैं, जो रजिस्ट्री के समय लगाए गए थे। यह भी देखा जा रहा है कि रजिस्ट्री के दौरान किन-किन लोगों ने हस्ताक्षर किए हैैं। एक तरफ जहां प्लॉट्स की जांच की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ प्राधिकरण की ओर से अवैध कब्जों पर भी शिकंजा कसा गया है। अभी तक 150 से अधिक अवैध निर्माण ऐसे सामने आए हैैं, जिनका न तो प्राधिकरण से नक्शा पास कराया गया है न ही कोई ले आउट प्लान है। इन सभी अवैध निर्माणों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई सोमवार से शुरू की जा रही है। वहीं कई अवैध निर्माणों को ध्वस्त भी किया जाएगा और इनकी भी लिस्ट तैयार कर ली गई है।

सभी योजनाओं पर नजर
प्राधिकरण प्रशासन की ओर से अपनी सभी योजनाओं में अवैध कब्जों पर निगाहें टेढ़ी कर दी गई हैैं। इसके साथ ही रो हाउस प्रोजेक्ट्स के खिलाफ भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वीसी का कहना है कि अब चरणबद्ध तरीके से आवंटित मकानों और प्लॉट्स की स्टेटस रिपोर्ट भी तैयार कराई जा रही है, जिससे आवंटन की हकीकत सामने आ सके।

दो दर्जन के करीब प्लॉट्स की रजिस्ट्री में खेल मिला है। इनकी विधिवत जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही अन्य प्लॉट्स के अभिलेख भी खंगाले जा रहे हैैं।
डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी, वीसी, एलडीए