लखनऊ (ब्यूरो)। पुराने लखनऊ में इस साल दीवाली की रात पटाखों की आवाज कम सुनाई दी। इस साल दीवाली की रात चौक इलाके में सबसे कम ध्वनि प्रदूषण दर्ज हुआ। इसके उलट, अलीगंज ध्वनि प्रदूषण के मामले में सबसे अधिक शोरगुल वाला इलाका रहा। मंगलवार को सीएसआईआर आईआईटीआर ने प्री दीवाली, दीवाली औैर पोस्ट दीवाली रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, प्री दीवाली की तुलना में दीवाली के दिन ध्वनि प्रदूषण में इजाफा हुआ, लेकिन इस साल कई इलाकों में तेज आवाज वाले पटाखे कम जलाए गए।

अलीगंज में ध्वनि प्रदूषण मानक से अधिक

रिपोर्ट के मुताबिक, शहर में इस साल सबसे ज्यादा शोरगुल वाला इलाका अलीगंज रहा। ध्वनि प्रदूषण के मामले में दीवाली के दिन सबसे ज्यादा शोर अमीनाबाद इलाके में 85.1 डेसिबल और दीवाली की रात सबसे अधिक शोर अलीगंज 89.8 डेसिबल दर्ज हुआ। वहीं, सबसे कम शोरगुल दीवाली के दिन और रात को चौक में रहा। यहां ध्वनि प्रदूषण का स्तर 81.8 और 82.3 डेसिबल रहा। साल 2022 में चारबाग में 80.6 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज हुआ जो दीवाली से पहले 73.8 डेसिबल था। वहीं, पोस्ट दीवाली ध्वनि प्रदूषण गिरकर 78.1 डेसिबल पहुंच गया।

क्या है मानक

रिहाइशी इलाका: दिन 55 डेसिबल, रात 45 डेसिबल

कमर्शियल: दिन 65 डेसिबल, रात 55 डेसिबल

इंडस्ट्रियल: दिन 75 डेसिबल और रात 70 डेसिबल

टेम्प्रेचर का पड़ा है असर

संस्थान के वैज्ञानिकों का कहना है कि बीते साल की तुलना में इस साल दीवाली पर एयर व नॉइस पल्यूशन बढ़ा है। इसके पीछे का बड़ा कारण पटाखों का जलना तो है ही, लेकिन दीवाली से पहले लोगों की आवाजाही और टेम्प्रेचर का भी पल्यूशन पर असर दिखा है। वैज्ञानिकों की माने तो इस साल दीवाली नवंबर में पड़ी है, जबकि बीते साल यह अक्टूबर में थी। इस कारण तापमान में कमी के चलते पल्यूशन का डिस्पर्शन उस तरह नहीं हुआ, जैसे बीते साल हुआ था।

ग्रीन पटाखों को प्रमोट करना काम नहीं आया

दीवाली पर लोगों को भले ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल करने को लेकर काफी जागरूक किया गया हो, लेकिन इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला। आईआईटीआर की रिपोर्ट में एनओटू का बढ़ा हुआ स्तर इस बात की पुष्टि कर रहा है। इसके अलावा शहर की अलग-अलग जगहों पर नॉइस पल्यूशन का स्तर जिसमें महज 20 मिनट के अंतराल सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ध्वनि प्रदूषण का स्तर बहुत अधिक पाया गया।

पोस्ट दीवाली कम हुआ प्रदूषण का स्तर

रिहायशी इलाकों जैसे अलीगंज व विकासनगर की बात करें तो दीवाली की रात को फाइन पार्टिकल्स का स्तर दीवाली की रात जितना अधिक बढ़ा था, पोस्ट दीवाली उसमें गिरावट हुई। जैसे दीवाली की रात पीएम 10 464 से घटकर पोस्ट दीवाली या 13 नवंबर को 319 हो गया। वहीं पीएम 2.5 का स्तर भी 336 से गिरकर 228 पहुंच गया। रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल बीते साल की तुलना में प्री दीवाली में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है।