लखनऊ (ब्यूरो)। लंबे समय से अपने आवास के लिए भटक रहे पांच हजार से अधिक आवंटियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। दरअसल, एलडीए की समायोजन नीति से ऐसे आवंटियों को राहत मिलने जा रही है, जिन्हें अभी तक आवास इत्यादि नहीं मिल सका है। इस नीति के तहत आवासीय योजना में जब लॉटरी निकाली जाएगी, तो उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।

लंबे समय से नहीं मिला कब्जा

एलडीए से जुड़े करीब पांच हजार से अधिक ऐसे आवंटी हैैं, जिन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिल सका है। जिससे उन्हें खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब एलडीए की ओर से ऐसे आवंटियों को राहत देने की तैयारी शुरू कर दी गई है, जो पिछले लंबे समय से अपना कब्जा पाने के लिए परेशान हैैं। इसके लिए एलडीए की ओर से समायोजन नीति पर फोकस किया गया है।

ये होगा फायदा

इस नीति के अंतर्गत एलडीए की ओर से उन आवंटियों पर पहले फोकस किया जाएगा, जो पिछले लंबे समय से भटक रहे हैैं। ऐसे में जब भी एलडीए की ओर से अपनी आवासीय योजनाओं में लॉटरी की जाएगी, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही इस योजना में ऐसे आवंटियों को भी राहत मिलेगी, जिनके नाम प्लॉट तो एलॉट हुआ, लेकिन बाद में योजना ही कैंसिल हो गई या नियमों में उलझ गई। ऐसे आवंटियों को भी नए सिरे से उक्त नीति के अंतर्गत राहत दी जाएगी।

नेहरू एंक्लेव से शुरुआत

एलडीए की ओर से लंबे समय से भटक रहे आवंटियों की लिस्ट भी तैयार की गई है। यह लिस्ट प्राधिकरण की योजनाओं के अंतर्गत तैयार की जा रही है। इसके साथ ही उन आवंटियों को भी नए सिरे से चिन्हित किया जा रहा है, जिन्होंने संपत्ति पर कब्जा तो प्राप्त कर लिया है, लेकिन अभी तक पूरी राशि जमा नहीं कराई है। ऐेसे में उन आवंटियों का कब्जा रद भी करने की तैयारी हो रही है। एलडीए की ओर से उक्त नीति के अंतर्गत सबसे पहले नेहरू एंक्लेव से शुरूआत की जा रही है। यहां पर एलडीए की ओर से उन आवंटियों को खाली फ्लैट्स में पहले प्राथमिकता दी जाएगी, जिन्हें अभी तक कहीं भी कब्जा नहीं मिल सका है। इसके साथ ही इसी क्रम में कानपुर रोड, जानकीपुरम, गोमतीनगर व अन्य योजनाओं में भी यही कदम उठाए जाएंगे।

लगातार होगी मॉनीटरिंग

ऐसे आवंटियों की लगातार मॉनीटरिंग की जाएगी, जो एलडीए द्वारा दी जाने वाली नोटिस का जवाब नहीं दे रहे हैैं। इनकी जोनवार लिस्ट तैयार हो रही है। इसके साथ ही उन आवंटियों पर भी शिकंजा कसा जा रहा है, जिन्होंने अपनी संपत्ति को किराये पर उठा दिया है या किसी और की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है। ऐसे आवंटियों से भी संपत्ति खाली कराए जाने के लिए वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जोनवार टीमों का गठन किया जा रहा है। वीसी की ओर से लगातार इस कदम की मॉनीटरिंग भी की जाएगी।