- दो हजार हेल्थ वर्कर्स का सैंपल लेकर हुई थी जांच

LUCKNOW:

केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन डिपार्टमेंट द्वारा स्टॉफ को लेकर की गई स्टडी में 90 फीसद कर्मचारियों में कोरोना एंटीबॉडी मिली है। इसमें वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने वाले कर्मी शामिल हैं।

दो हजार के लिए थे सैंपल

वीसी डॉ। बिपिन पुरी के मार्गदर्शन में ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग द्वारा 2000 हेल्थ वर्कर्स के ब्लड सैंपल लेकर उनमें कोरोना एंटीबॉडी की जांच की गई है। विभाग की अध्यक्ष डॉ। तूलिका चंद्रा के मुताबिक 90 फीसद में एंटीबॉडी पाई गईं है। इनमें 68 फीसद को वैक्सीन की दोनों डोज और 11 फीसद को वैक्सीन की सिर्फ एक ही डोज लगी थी। जबकि 11 फीसद ने वैक्सीनेशन नहीं करवाया था।

नहीं बनी एंटीबॉडी

10 फीसद ऐसे भी हेल्थ वर्कर्स थे जिनमें एंटीबॉडी नहीं पाई गई। जबकि पांच फीसद में वैक्सीन की दोनों डोज के बावजूद एंटीबॉडी नहीं बनी। तीन प्रतिशत ने चिकित्सीय कारणों के चलते वैक्सीन नहीं लगवाई थी। इनमें एंटीबॉडी नहीं पाई गईं।

41 फीसद वैक्सीनेटेड नहीं हुए संक्रमित

स्टडी में यह बात भी सामने आई कि वैक्सीन लगवाने वाले कोरोना से काफी हद तक बचे रहे। करीब 41 फीसद संक्रमण से भी बच गए जिनको दोनों डोज लग चुकी थी। डॉ। तूलिका ने बताया कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडी ने संक्रमण से बचाव किया। जबकि 26 फीसद दोनों डोज के बाद संक्रमित तो हुए लेकिन गंभीर होने से बच गए।