- बंगलुरू में दो साल साथ रहे थे अनुराग और इरफान,

- सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट में डिप्टी कमिश्नर हैं इरफान अजीज

- मौत से दो दिन पहले दोस्तों के साथ पार्टी में थे अनुराग

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LUCKNOW: कर्नाटक कैडर के आईएएस अधिकारी अनुराग तिवारी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की वजह जानने के लिए सीबीआई ने एलडीए वीसी प्रभु नारायण सिंह के अलावा लखनऊ में ही तैनात एक अन्य खास दोस्त मोहम्मद इरफान अजीज से गहन पूछताछ की। 2007 बैच के आईआरएस अधिकारी मोहम्मद इरफान वर्तमान में सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट की लखनऊ डिवीजन में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। अनुराग और इरफान दो साल तक बंगलुरू में साथ काम भी कर चुके हैं। दोनों की दोस्ती मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। सीबीआई ने उनसे अनुराग के मिजाज के बारे में जानने की कोशिश की। साथ ही यह भी पूछा कि बंगलुरू में तैनाती के दौरान अनुराग ने अपने किन दुश्मनों के बारे में बताया था।

करीब चार घंटे तक सवाल-जवाब

दरअसल सीबीआई यह पता लगाने की कोशिश में है कि अनुराग की मौत से एक दिन पहले रात को क्या घटनाक्रम हुआ। इस बाबत मोहम्मद इरफान से सीबीआई ने करीब चार घंटे तक सवाल-जवाब किया, लेकिन उन्होंने इस बाबत कोई जानकारी होने से इंकार कर दिया। उन्होंने सीबीआई के अफसरों को बताया कि अनुराग से उनकी मुलाकात हादसे से दो दिन पहले हुई थी। इस पर सीबीआई ने उसने अनुराग के बाकी खास दोस्तों और बैचमेट्स के बारे में मालूमात की।

बदल गया था खुशमिजाज अनुराग का नेचर

सीबीआई ने जानने की कोशिश की आखिर बंगलुरू में तैनाती के दौरान अनुराग का घोटाले को लेकर किन अफसरों और राजनेताओं से विवाद चल रहा था। इस पर इरफान ने अनभिज्ञता जताई तो सीबीआई ने उनसे अनुराग के व्यवहार के बारे में कई सवाल किए। दरअसल इरफान की पहली पोस्टिंग बंगलुरू में ही हुई थी, इसी वजह से दोनों की दोस्ती और गहरी होती चली गयी। इरफान ने सीबीआई को बताया कि अनुराग से उसकी मुलाकात मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई जिसके बाद वह अच्छे दोस्त बन गये। उस दौरान अनुराग काफी खुश रहता था, लेकिन हाल ही में उसके व्यवहार में थोड़ा बदलाव आने लगा था।

लखनऊ आने पर होती थी मुलाकात

सूत्रों की मानें तो पीएन सिंह और इरफान से पूछताछ के दौरान सीबीआई को कुछ ऐसी अहम जानकारियां हाथ लगी हैं जिनसे जांच की दिशा बदल सकती है। इसका खुलासा जल्द ही सीबीआई कर सकती है। सीबीआई को यह भी पता चला है कि अनुराग जब भी लखनऊ आता था तो अपने बैचमेट्स से जरूर मिलता था। यही वजह थी इस बार लखनऊ आने पर पीएन सिंह ने उसे स्टेट गेस्ट हाउस में ठहराने का इंतजाम किया था। दरअसल अनुराग अपने घर बहराइच न जाकर कुछ समय लखनऊ में गुजारना चाहता था। उसे कुछ डिस्टर्ब देख उसके दोस्तों ने उसके साथ समय गुजारने की कवायद भी की थी। इसे देखते हुए सीबीआई अनुराग के कुछ अन्य दोस्तों से पूछताछ की तैयारी में है।

बॉक्स

दो दिन पहले हुई थी पार्टी

सूत्रों की मानें तो अनुराग की मौत से दो दिन पहले एक पार्टी का भी आयोजन किया गया था जिसमें अनुराग के कुछ करीबी दोस्त ही शामिल थे। सीबीआई ने इरफान से जब इस पार्टी के बारे में मालूमात की तो उन्होंने बताया कि वह पार्टी में नहीं गये थे। उनकी दो दिन पहले अनुराग से मुलाकात हुई थी, लेकिन इसके बाद वह नहीं मिले। सीबीआई ने उन्हें इस मामले को लेकर कोई भी जानकारी मिलने पर तुरंत सूचित करने की हिदायत दी।

कोट

अनुराग तिवारी मेरा गहरा दोस्त था। हमारी दोस्ती मसूरी में ट्रेनिंग के दौरान हुई थी। हमने दो साल तक बंगलुरू में साथ काम भी किया। अनुराग के बारे में मुझे जो कुछ पता था, मैंने सीबीआई को बताया है। मेरे साथ सभी दोस्त चाहते हैं कि इस मामले का जल्द खुलासा हो।

- मोहम्मद इरफान अजीज, डिप्टी डायरेक्टर, सर्विस टैक्स

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मौत पर सवाल करने वाले महिला अफसर को धमकी

- अधिकारियों पर केस से हटने के लिये धमकाने का आरोप

- पुलिस से लगाई सुरक्षा की गुहार

LUCKNOW (13 July): कर्नाटक कैडर के आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत को हत्या बताने वाली बीदर जिले की महिला पंचायत अधिकारी को इस केस को लेकर बयानबाजी न करने की धमकी मिली है। आरोप है कि उसे यह धमकी कर्नाटक के ही कुछ अधिकारियों ने दी है। नतीजतन, महिला अधिकारी ने पुलिस को एप्लीकेशन देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है।

अधिकारी ने अंजाम को लेकर डराया

कर्नाटक के बीदर जिले की महिला पंचायत अधिकारी मंगला कामले ने अनुराग की मौत पर हत्या का शक जताते हुए इसके पीछे कर्नाटक में हुए किसी बड़े घोटाले की ओर इशारा किया था। मंगला ने बताया था कि अनुराग उस घोटाले की तह तक पहुंच चुके थे, जिसके चलते उनका यह हश्र हुआ। इस घटना के बाद से मंगला ने कर्नाटक में अभियान छेड़ रखा था। मंगला ने बताया कि उनके द्वारा अनुराग की मौत को हत्या बताने से कुछ अधिकारी विचलित हो गए हैं। उन्होंने बताया कि एक अधिकारी ने पिछले सप्ताह उन्हें बुलाकर कहा कि वह इन सब मामलों में न पड़ें। नहीं तो इसका अंजाम बुरा होगा। अधिकारी ने मंगला को अनुराग केस को लेकर उन्हें बयानबाजी से भी बाज आने को कहा। अधिकारी की इस धमकी से दहशत में आई मंगला ने पुलिस में पूरे मामले की लिखित शिकायत करते हुए सुरक्षा की मांग की है।

अनुराग की मौत के बाद दिया था बयान

गौरतलब है कि बीदर जिले की पंचायत राज अधिकारी मंगला कामले ने अनुराग के समर्थन में बयान दिया था। मंगला ने बताया था कि आंध्र प्रदेश के एक प्रभावशाली नेता के करीबी ठेकेदार को अनुराग ने बीदर जिले के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर रहते खराब गुणवत्ता का काम करने पर बंद कर लिया था। उस ठेकेदार को आठ घंटे बाद तब छोड़ा गया जब उसने लिखकर खराब काम को अपने खर्च पर ठीक कराने का आश्वासन दिया। हालांकि, इस घटना के अगले ही दिन अनुराग का तबादला हो गया। इस तबादले के पीछे सत्ताधारी दल से जुड़े नेता का नाम सामने आया था। इसके साथ ही मंगला ने एक घोटाले की ओर भी इशारा किया था। जिसकी जांच अनुराग अपने स्तर से कर रहे थे।