- 400 से अधिक आवेदन रोजाना लर्निग डीएल के आते हैं

- 300 से अधिक आवेदन रोजाना स्थायी डीएल के आते हैं

- 10 हजार लाइसेंस रोजाना डिस्पैच होते हैं

- 10 लाख ने प्रदेश भर से लॉकडाउन में डीएल के लिए किया आवेदन

- 30 हजार से अधिक ने राजधानी से किया आवेदन

- लॉकडाउन में खुला रहा सारथी फोर साफ्टवेयर, लोगों ने जमकर किये आवेदन

- आवेदन तो कर दिया अब अगले साल आ सकता है टेस्ट के लिए बुलावा

sanjeev.panday@inext.co.in

LUCKNOW लॉकडाउन पीरियड में सारथी फोर साफ्टवेयर बंद ना होने से परिवहन विभाग की मुश्किलें बढ़ गई हैं। दरअसल, साफ्टवेयर के बंद ना होने से प्रदेश भर से हजारों लोगों ने बड़ी संख्या में डीएल के लिए आवेदन कर दिया। इसकी वजह से आवेदकों को डेट अलॉट करने में मुश्किलें आ रही हैं। आलम यह है कि इस साल आवेदन करने वालों को अगले साल टेस्ट के लिए बुलाया जा सकता है। फिलहाल लाइसेंस के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं। इसके बावजूद परेशानी ज्यों की त्यों बनी हुई है।

इस तरह बढ़ता गया बोझ

पहले जनता कफ्र्यू और फिर लॉकडाउन के चलते शहर में लोगों का आना-जाना बंद हो गया। मार्च में लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में पहुंच गए। प्रदेश से बाहर रहने वाले भी अपने जिलों में पहुंच गए। घर पहुंचे लोगों ने लॉकडाउन के दौरान अपने घरों से मोबाइल और लैपटाप से डीएल के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। सारथी फोर खुला होने के कारण लगातार आवेदन आते रहे। अकेले लखनऊ में ही लॉकडाउन के दौरान 30 हजार से अधिक आवेदन पहुंच गए है वहीं प्रदेश में यह संख्या दस लाख से ऊपर पहुंच गई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार मार्च में ही काम रोक दिया गया था। ऐसे में जिन लोगों ने जनवरी में आवेदन किया था और मार्च की डेट मिली थी। अभी उनके ही काम पेंडिंग हैं। ऐसे में नए आवेदनों ने मुसीबत बढ़ा दी है।

एक तिहाई करने की तैयारी

परिवहन विभाग के अनुसार कोरोना वायरस के चलते जारी की गई गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए आरटीओ ऑफिस में डीएल के कोटे को कम किया जाएगा। आरटीओ ऑफिस में जहां 400 लाइसेंस बनते थे वहां पर उसकी संख्या घटा दी जाएगी। इनकी संख्या 120 कर दी जाएगी। ऐसे में आवेदकों को बारी-बारी से बुलाया जाएगा। अगर यह व्यवस्था लागू होती है तो जिन लोगों ने लॉकडाउन में आवेदन किया है तो उन्हें अगले साल तक बुलाया जा सकता है।

कोट

आरटीओ ऑफिस में भीड़ कम करने के लिए तैयारियां चल रही है। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही काम होना है। लाइसेंस के लिए लोगों ने बड़ी संख्या में आवेदन कर दिया है। उसके लिए कोई ना कोई रास्ता निकाला जाएगा।

प्रभात पांडेय

आरटीओ मुख्यालय