लखनऊ (ब्यूरो)। अकादमी सचिव तरुण राज ने कहा कि पं। बिरजू महाराज का जन्म बसंत पंचमी को हुआ था। हम आज बसंत पंचमी पर उन्हें याद कर रहे हैं। वहीं, कार्यक्रम की शुरुआत कलाकारों ने महाराज की लिखी रचना गुरु वंदना की मनमोहक प्रस्तुति के साथ की। राग भूपाली और ताल कहरवा में ढली वंदना में कलाकारों ने गुरु के बताए सत्मार्ग पर चलकर लक्ष्य तक पहुंचने के संदेश को प्रदर्शित किया।
कथक से दी श्रद्धांजलि
लखनऊ घराने के पारंपरिक कथक की शानदार झलक पेश करते हुए कथक नृत्यांगना नीता जोशी व श्रुति शर्मा ने तीन ताल के विलंबित व मध्य लय में लखनऊ घराने की खास उठान, आमद, तिहाई, परमेलू, टुकड़े व परनों की मनमोहक प्रस्तुति कर आनंदित किया। कार्यक्रम के अगले सोपान में बिंदादीन महाराज के रचे भजन, ठुमरी व तरानों में राम कलावती व ताल-तीनताल व एकताल में निबद्ध एक तराना पर कलाकारों ने कथक संरचना पेश की।