-अलीगंज पुलिस ने दबोचा, तीन चोरी की बाइक बरामद

-बैंक अकाउंट में मिले 16.07 लाख रुपये, 15 लाख रुपये की करा रखी है फिक्स डिपॉजिट

-300 से ज्यादा बाइक चोरी करने की बात कबूली

LUCKNOW: नाम: मो। मुस्तफाकाम: पंचर बनाने की दुकानबैंक अकाउंट बैलेंस: 16 लाख 7 हजार रुपयेफिक्स डिपॉजिट: 15 लाख रुपयेनाम-काम और अकाउंट बैलेंस पढ़कर आप सोच रहे होंगे कि शायद हमसे लिखने में कोई चूक हो गई लेकिन, आपका अंदाजा गलत है, हमसे लिखने में कोई चूक नहीं हुई। अलीगंज पुलिस ने एक ऐसे ही पंचरवाले को अरेस्ट किया जो पंचर वाले का रूप धर शातिर ऑटोलिफ्टर्स का गैंग संचालित करता था। पुलिस ने उसके कब्जे से तीन चोरी की बाइक बरामद की हैं। पूछताछ के दौरान गैंग के सरगना ने अब तक तीन सौ से ज्यादा बाइक चोरी करना कबूल किया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

पकड़े गए चोर से मिला सुराग

एसओ अलीगंज केपी यादव के मुताबिक, अलीगंज के पुरनिया चौराहे पर स्थित साइबर कैफे के करीब खड़ी बाइक हीरो हॉन्डा स्पलेंडर (यूपी32सीएक्स/7974) को चोरी करते रंगे हाथ एक युवक को स्थानीय लोगों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम सीतापुर निवासी प्रदीप जायसवाल बताया। उसने बताया कि वह बाइक चोरी का यह काम अपने साथी हुसैनगंज के नई बस्ती निवासी मो। एहसान के साथ मिलकर अंजाम देता है। पूछताछ में उसने बताया कि वे दोनों बाइक चोरी का यह काम जानकीपुरम निवासी मो। मुस्तफा के लिये करते हैं। मुस्तफा उन्हें प्रत्येक बाइक चोरी करने के एवज में 5 से 7 हजार रुपये देता था।

एसी व एलईडी देख उड़े होश

प्रदीप से जानकारी मिलने पर पुलिस मो। मुस्तफा के घर पहुंची तो वहां ड्रॉइंग रूम में चल रहे एसी व 40 इंच के एलईडी टीवी को देख उनके होश उड़ गए। टाट बिछाकर पंचर की दुकान चलाने वाले मो। मुस्तफा के इस राजसी रहन-सहन को देख पुलिसकर्मी हैरान थे। घर की तलाशी के दौरान पुलिसकर्मियों के हाथ मुस्तफा की स्टेट बैंक ऑफ पटियाला की पासबुक लग गई। जब पुलिसकर्मियों ने उसमें अंकित बैलेंस देखा तो वे चकरा गए। उसके अकाउंट में 16 लाख 7 हजार रुपये बैलेंस थे। पुलिस ने मुस्तफा से इस रकम के बारे में पूछताछ की तो उसने बताया कि वह अपने गैंग के सदस्यों के जरिए अब तक 300 से ज्यादा बाइक चोरी करवा चुका है। उसने बताया कि वह बाइकों के नंबर बदलकर व उनके फर्जी कागज बनवाकर यह बाइक अनजान लोगों को बेची हैं। अब पुलिस ने बाइक्स व उनके कस्टमर्स की पड़ताल में जुट गई है।

हाल ही में निकाले थे 15 लाख रुपये

एसओ यादव ने बताया कि पासबुक की पड़ताल में पता चला कि एक सप्ताह पहले मुस्तफा के अकाउंट में 31 लाख रुपये जमा थे। हाल ही में उसने 15 लाख रुपये निकाले थे। पूछताछ के दौरान मास्टरमाइंड मो। मुस्तफा ने कबूल किया है कि वह बाइक बेचने के बाद जो रकम उसे मिलती थी वह सीधे बैंक में जमा कर देता था। लोगों व पुलिस की नजर बचे रहने के लिये वह बीते कई साल से पुरनिया चौराहे के करीब स्थित पेट्रोल पंप के बाहर पंचर की दुकान संचालित करता था। एसओ यादव ने बताया कि पूछताछ के दौरान मुस्तफा ने हाल हीं में निकाले गए 15 लाख रुपयों से फिक्स डिपॉजिट करने की बात भी कबूल की है। जिसकी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि मुस्तफा का बैंक अकाउंट सील करवा दिया गया है।