लखनऊ (ब्यूरो)। दीवाली की रात शहर में पल्यूशन का स्तर काफी खराब रहा। शहर में अलीगंज, अमीनाबाद और चौक इलाकों में जमकर आतिशबाजी से एयर पल्यूशन में काफी बढ़ोत्तरी हुई। अलीगंज में जहां पीएम 10 का स्तर 408 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ, वहीं, अमीनाबाद में पीएम 10 572 और चौक में 495 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ। इसी तरह, पीएम 2.5 का स्तर सबसे अधिक अमीनाबाद में 446 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ। अमीनाबाद के अलावा चौक और विकासनगर की आबोहवा भी दीवाली की रात खतरनाक स्तर तक प्रदूषित रही।

नौ साल में दूसरी सबसे 'साफ' दीवाली

मंगलवार को शहर के सीएसआईआर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टॉक्सिकॉलजी रिसर्च (आईआईटीआर) ने प्री दीवाली, दीवाली और पोस्ट दीवाली पर एयर एम्बियंट क्वालिटी रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट के मुताबिक, बीते साल की तुलना में यह दीवाली पल्यूशन वाली रही। हालांकि, बीते साल से पल्यूशन का लेवल अधिक होने के बाद भी बीते नौ साल में यह दूसरी सबसे कम प्रदूषण वाली दीवाली रही। संस्थान के वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस रिपोर्ट में शहर के चार इलाकों अलीगंज, विकासनगर, अमीनाबाद और चौक में प्रदूषण के स्तर का सर्वे किया गया।

बढ़ा फाइन पार्टिकुलेट मैटर का औसत स्तर

फाइन पार्टिकुलेट मैटर की औसत मात्रा की बात करें तो दीवाली की रात को जहां पीएम 10 का स्तर अचानक से 464 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुंच गया, जो प्री दीवाली से 126.3 फीसदी बढ़ गया, वहीं पीएम 2.5 का स्तर 177.68 फीसदी के साथ बढ़कर 336 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। कुछ इलाकों में प्री दीवाली की तुलना में पोस्ट दीवाली में भी पार्टिकुलेट मैटर का स्तर बढ़ा हुआ रहा। पीएम 10 की औसत मात्रा की बात करें तो पोस्ट दीवाली यह 319 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 228 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ।

सल्फर डाई ऑक्साइड का स्तर 52.88 फीसदी बढ़ा

आम दिनों में मानक के अनुरूप रहने वाले गैसीय प्रदूषकों जैसे सल्फर डाई ऑक्साइड और नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड भी दीवाली की रात मानक से अधिक पाए गए। दीवाली की रात सल्फर डाई ऑक्साइड की औसत मात्रा 52.88 फीसदी की बढ़त के साथ 31.8 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुई। वहीं, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड की मात्रा में भी बढ़त हुई। एनओटू का स्तर 51.94 फीसदी के साथ बढ़कर 46.8 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज हुआ।

बीते साल से बढ़ा पल्यूशन फिर भी कंट्रोल में रहा

आईआईटीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दीवाली पर शहर का पल्यूशन बीते साल की तुलना में बढ़ा है, लेकिन बीते नौ साल में यह दूसरी सबसे कम प्रदूषित दीवाली रही। साल 2022 में पीएम 10 का औसत स्तर 396 और पीएम 2.5 का स्तर 279 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। जो इस साल बढ़कर 464 और 336 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ। साल 2014 में पीएम 10 की औसत सांद्रता 514, 2015 में 424, 2016 में 864 2017 में 515, 2018 में 990, 2019 में 536, 2020 में 604 और 2021 में 556 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज हुआ था। इसी तरह पीएम 2.5 की औसत सांद्रता 2014 में 423, 2015 में 275, 2016 में 672, 2017 में 316, 2018 में 679, 2019 में 346, 2020 में 402 और 2021 में 365.5 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रही।