लखनऊ (ब्यूरो)। सुबह उनके घर से फोन पर यह दुखद सूचना मिली। अपनी फिल्म की सिलसिले में 2019 में उनसे मिला था। उनका व्यक्तित्व बेहद शानदार था। वे बहुत सिंपल इंसान थे। जब वो बीमार हुए तब अस्पातल में उनसे मिलने गया था। उनसे फिल्म की लांच के लिए आशिर्वाद लिया था। वे म्यूजिक को बेहद बारीकी से जानते थे। हमारी आखिरी फिल्म में उन्होंने संगीत दिया है। मुझे म्यूजिक का भी शौक है, उस पर उनसे बातें होती थीं। बप्पीदा हमारे लिए फैमिली की ही तरह थे।
अर्पित सिंह, एक्टर

तहजीब और खाना आया था पसंद
उनसे होटल में एक आयोजन के दौरान मुलाकात हुई थी। वे बेहद ही पॉजिटिव और गाने में एकदम मस्त रहने वाले इंसान थे। खाने पीने के बहुत शौकीन थे। उन्हें लखनवी खाना बेहद पसंद था। इसके अलावा वे लखनऊ की तहजीब व तमीज पर काफी बाते करते रहते थे। बच्चों को म्यूजिक सिखानेे के लिए वे हमेशा तैयार रहते थे। वे जल्द आने का वादा करके गए थे लेकिन फिर आ न सके।
मयंक रंजन

फोन पर सुनाई थी धुन
आखिरी वेब फिल्म का लास्ट गाना उनके लिए लिखा, जो एक गजल थी। मजे की बात यह थी कि उनसे मुलाकात भले ही न हुई हो लेकिन फोन पर कई बार बात हुई है। उन्होंने अपनी एक फिल्म के गाने के लिए तलत से बात की तो उन्होंने मेरा नाम सुझाया। जिसके बाद बप्पी दा का फोन आया और उन्होंने फोन पर ही गाने की धुन सुनाई। बाद में गजल लिखकर दी तो उन्होंने बहुत तारीफ की। उनका व्यक्तित्व बेहद शानदार रहा है। उनके निधन से कला जगत को बड़ा नुकासान हुआ है।
हसन काजमी, शायर व गीतकार