लखनऊ (ब्यूरो)। नवरात्रि का पर्व आते ही लक्ष्मण नगरी पूरी तरह से जगत जननी मां दुर्गा की भक्ति में सराबोर हो उठती है। शारदीय नवरात्रि में राजधानी में रौनक देखते ही बन रही है। यहां 100 से अधिक दुर्गा पूजा कमेटियों द्वारा भव्य और विशाल पंडालों का निर्माण कराया जाता है, जिसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं। इसबार जानकीपुरम में प्रेम मंदिर की रेप्लिका का सबसे बड़ा पंडाल बन रहा है। वहीं, पंडालों में ढाक-धुनुची संग भक्ति का रस देखने को मिलेगा।

वृंदावन के प्रेम मंदिर की झलक

राजधानी के सेक्टर एफ, जानकीपुरम में वृंदावन के प्रेम मंदिर की रेप्लिका का पंडाल तैयार किया गया है। जानकीपुरम दुर्गा पूजा कमेटी के सौरव बंदोपाध्याय ने बताया कि पूरा पंडाल 15 हजार स्क्वायर फिट में करीब 15 हजार बंबू से तैयार किया गया है, जो करीब 140 फुट ऊंचा है। वहीं, मधुवन का भी निर्माण किया गया है, जहां राधा-कृष्ण रासलीला किया करते थे। यह पंडाल बंगाल के मेदिनापुर के कारीगरों द्वारा बनाया गया है। जिसे बनाने में तीन माह से अधिक का समय लगा है। इसके अलावा, उनके द्वारा दुर्गा प्रतिमा भी बनाई गई है। इसबार मां दुर्गा के हाथ में बांसुरी भी होगी, जो भगवान श्रीकृष्ण के प्रतिबिंब की तरह होगी। इस पंडाल का उद्घाटन रविवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक द्वारा किया गया।

रामेश्वरम और चंद्रयान-3 की दिखेगी झलक

श्रीश्री दुर्गा पूजा पार्क मॉडल हाउस के चेयरमैन डालू तिवारी ने बताया कि इसबार रामेश्वरम मंदिर के तर्ज पर पंडाल का निर्माण कराया जा रहा है। जिसके अंदर मां की भव्य प्रतिमा को स्थापित किया जाएगा। रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ भक्तों में प्रसाद वितरित किया जाएगा। कैंटोनमेंट पूजा एवं सेवा समिति के मीडिया सचिव निहार डे ने बताया कि इसबार चंद्रयान-3 की थीम पर काम चल रहा है। उसका मॉडल तैयार किया जा रहा है।

आनंद मेला का होगा आयोजन

ट्रांसगोमती दशहरा एंड दुर्गा पूजा कमेटी, अलीगंज के तुहीन बनर्जी ने बताया कि इसबार कमेटी का 43वीं वर्षगांठ है। पंचमी की शाम को देवर बोधनम आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रोजाना सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही भोग भी भक्तों में वितरित किया जाएगा। वहीं, 24 को सिंदूर खेला संग विसर्जन का आयोजन किया जाएगा। वहीं, आनंद मेला का भी आयोजन किया जाएगा।

मां के शैलपुत्री स्वरूप के हुए दर्शन

राजधानी में रविवार को पहले दिन घरों और मंदिरों में कलश स्थापना की गई। वहीं, आद्या शक्ति के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री का पूजन भक्तों द्वारा किया गया। भोर से ही मंदिरों के बाहर मां के भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मां के दर्शन कर भक्तों ने मां से परिवार के कुशल मंगल की मंगलकामना की।

मंदिरों में उमड़े भक्त

सभी प्रमुख मंदिरों में भक्त हाथों में पूजा की थाल लिए कतार में खड़े होकर अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे। चौक के बड़ी व छोटी काली जी मंदिर में भव्य श्रृंगार और महाआरती के बाद कपाट भक्तों के दर्शनों के लिए खेले गए। वहीं, संकटा देवी मंदिर और पूर्वि देवी मंदिर में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली।

सिंह पर सवार हुई मां

चौपटिया स्थित संदोहन देवी मंदिर में मां का फूलों से श्रृंगार किया गया। पहले दिन मां को सिंह पर सवारी कराई गई। पूर्वी देवी मंदिर में मां को गुलाबी वस्त्र पहनाकर शैलपुत्री स्वरूप का पूजन किया गया। मंदिर में दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन किया गया। इसके अलावा, संकटा माता मंदिर, शास्त्रीनगर, श्री दुर्गा मंदिर समेत अन्य मंदिरों में भी भक्तों ने विधि-विधान से मां की आराधना की गई। और भक्तों में प्रसाद का वितरण किया गया।

ऐसे करे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा

नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी की चित्र के सामने बैठकर सर्वप्रथम शरीर शुद्धि के बाद माता का पूजन करें। इसके बाद जल, पंचामृत आदि से स्नान कराकर, वस्त्र, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य लगाकर आरती कर प्रसाद ग्रहण करें और परिजनों को दें। मां ब्रह्मचारिणी देवी का निष्ठा पूर्वक पूजन करने से जीवन में तप, त्याग वैराग्य सदाचार व संयम की प्राप्ति होती है। इस दिन देवी के सामने या मंदिर में जाकर या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम का जाप करने से विशेष फल मिलता है।