- शनिवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में फिर बिज्जू ने फैलाया आतंक

- बिज्जू को पकड़ने में बम निरोधक दस्ते और सुरक्षाकर्मियों को छूटा पसीना

LUCKNOW: समय: सुबह आठ बजे। जगह: मुख्यमंत्री सचिवालय (एनेक्सी) का पांचवां तल। इस जगह से प्रदेश भर के विभिन्न विभागों के लिये नीति निर्देश बनाये और जारी किये जाते हैं। जाहिर है कि इस भवन की सुरक्षा व्यवस्था सख्त है। मगर शनिवार को एक बिज्जू (सीवेट कैट) के चलते यहां हड़कंप मच गया। इस बिज्जू को पकड़ने के लिए वन विभाग की जगह बम निरोधक दस्ते और डॉग स्क्वायड को बुला लिया गया। आखिर बिज्जू के व्यवहार से अंजान इन दोनों टीमों ने उसे पकड़ने के लिए लाख जतन किये लेकिन सब बेकार। अंत में यह जिम्मेदारी कमली को दी गई। कमली कोई और नहीं बल्कि वह डॉग स्क्वायड में शामिल एक फीमेल डॉग थी जिसके सामने बिज्जू ने जल्द ही घुटने टेक दिए। थोड़ी देर बाद बिज्जू को लेकर वन विभाग की टीम चिडि़याघर रवाना हो गई। इस समय यह बिज्जू चिडि़याघर परिवार में शामिल हो गया है।

चबा गया आजम का माइक

मुख्यमंत्री कार्यालय की सुरक्षा जांचने के लिए बम निरोधक दस्ता सुबह आठ बजे जब एनेक्सी के पांचवे तल पर पहुंचा तो मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) कक्ष में खटपट सुनाई दी। इस टीम ने पोजीशन लेते हुए सचिवालय के सुरक्षा कर्मियों के साथ कैबिनेट कक्ष खुलवाया तो यहां बिज्जू के होने की पुष्टि हुई। रात में यह बिज्जू फॉल्स सीलिंग के एक टूटे हिस्से से हॉल के अंदर पहुंच गया। फिर क्या था किसी के न होने का फायदा बिज्जू ने खूब उठाया। उसने यहां पर कैबिनेट मंत्री मो। आजम खां और मुख्य सचिव आलोक रंजन द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाला माइक चबा डाला था। इसके अलावा भी इलेक्ट्रानिक उपकरणों को बर्बाद कर दिया था। बिजली के तारों से लेकर कुर्सियों के तार तक काट डाले थे।

दस्ते को खूब छकाया

जब बम निरोधक दस्ते के जवानों ने इसे पकड़ने की कोशिश शुरू की तो ढाई फीट लंबे बिज्जू ने उन पर ही छलांग लगा दी। इसके बाद फिर चद्दर, रस्सी ना जाने क्या क्या सामान लाया गया लेकिन बिज्जू किसी के हत्थे नहीं लगा। इसी दौरान डॉग स्क्वायड की बहादुर कुतिया कमली उसके पीछे छोड़ा गया। कमली के सामने बिज्जू की एक नहीं चली और भागते-भागते थक कर चूर होकर वह कमली के पंजों में पहुंच गया। जिसके बाद मौजूद लोगों ने इसे बोरे में भर दिया, जिसे चिडि़याघर की टीम को दे दिया गया।

वन विभाग के अधिकारियों व मुख्यमंत्री के सचिव शंभू सिंह को घटनाक्रम की जानकारी दी गई। शंभू तो सचिवालय पहुंचे मगर वन विभाग के अधिकारी नहीं पहुंचे। अधिकारियों के सख्त रुख पर तकरीबन 50 मिनट बाद चिडि़याघर की टीम पहुंची और बिज्जू को साथ ले गई। 14 मई को शनिवार था, लिहाजा अधिकारी पूरे दिन पंचम तल की सुरक्षा दुरुस्त करने में लगे रहे।

पहले भी बिज्जू आतंक फैलाते रहे

मुख्यमंत्री सचिवालय में बिज्जू का आतंक कोई पहली बार नहीं है। पहले भी पंचम तल पर बिज्जू आतंक फैलाते रहे हैं। पिछले साल एक बिज्जू के आतंक के चलते सुरक्षा कर्मियों ने मुख्यमंत्री को कई दिनों तक सचिवालय नहीं आने दिया था। ।

लापरवाही की जांच होगी

मुख्यमंत्री कार्यालय में फाल्स सीलिंग का एक हिस्सा खुला रह जाने के चलते बिज्जू कक्ष तक पहुंच गया था। शासन ने इस मामले में लापरवाही की जांच के आदेश भी दे दिए हैं। सचिवालय भवन के रखरखाव की जिम्मेदारी राज्य संपत्ति विभाग के अधीन लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों की है। जबकि पंचम तल के लिये विशेष रूप से इंजीनियर नियुक्त हैं।