लखनऊ (ब्यूरो)। बिजनौर के महावतपुर निवासी योगेन्द्र पास सिंह की बेटी रूचि सिंह चौहान (25) पुलिस विभाग में महिला कांस्टेबल के पद पर तैनात हैै। 2019 बैच की कांस्टेबल रूचि सिंह बाराबंकी में तैनात थी और कुछ दिन पहले उसका ट्रांसफर लखनऊ में हुई है। उसकी पोस्टिंग पुलिस हेड क्वार्टर में थी। रूचि गोमती नगर विस्तार स्थित शुलभ कॉम्प्लेक्स में किराए के मकान में अकेली रह रही थी। वह 12 फरवरी से ड्यूटी पर नहीं जा रही थी। माना जा रहा है कि 12 फरवरी से वह लापता थी।
दर्ज कराई गई गुमशुदगी
शनिवार दोपहर करीब 3.30 बजे पुलिस हेड क्वार्टर में तैनात अनुभाग विभाग के एक अधिकारी ने सुशांत गोल्फ सिटी में महिला कांस्टेबल रूचि सिंह चौहान की गुमशुदगी दर्ज कराई थी। जिसके बाद सुशांत गोल्फ सिटी भी उसकी तलाश में जुटी थी।
कपड़ों से की पहचान
कांस्टेबल रूचि के साथ काम करने वाली एक महिला कांस्टेबल ने पीजीआई में मिली अज्ञात महिला की लाश के कपड़ों से रूचि के रुप में पहचान की। हालांकि अज्ञात महिला का चेहरा बुरी तरह से बिगड़ चुका था, जिससे उसकी सही पहचान अभी तक नहीं हुई। पीजीआई पुलिस ने महिला कांस्टेबल के बिजनौर में रहने वाले परिजन व कुशीनगर जीआरपी में तैनात उसके कांस्टेबल पति नीरज को भी पहचान के लिए बुलाया। देर रात परिजन सुशांत गोल्फ सिटी व पीजीआई थाने पहुंच गए।
2019 में हुई थी शादी
रूचि सिंह चौहान की शादी 2019 में कांस्टेबल नीरज के साथ हुई थी। दोनों का कुछ दिन पहले ही ट्रांसफर हुआ था। रूचि बाराबंकी से लखनऊ आ गई थी जबकि नीरज कुशीनगर जीआरपी में तैनात है। पुलिस रूचि की कॉल डिटेल भी खंगाल रही है। आखिरी बार उसकी किससे बात हुई है। हालांकि उसका मोबाइल फोन अभी तक पुलिस के हाथ नहीं लग सका।
पीएम रिपोर्ट का इंतजार
पीजीआई में मिली अज्ञात महिला की लाश की पहचान के लिए उसके शव को पीएम के लिए भेज दिया गया था लेकिन पहचान के इंतजार में 72 घंटे तक शव को रखा जाता है। 72 घंटे से पहले अज्ञात महिला के रूम में महिला कांस्टेबल की पहचान होने से पूरा मामले रहस्यमय व गंभीर हो गया हैं। पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

खड़े हो गए हैं कई सवाल
- महिला कांस्टेबल 12 फरवरी से लापता थी तो विभागीय जांच क्यों नहीं कराई गई।
- उसके मोबाइल पर क्यों नहीं संपर्क किया गया, सात दिन बाद विभाग ने उसकी गुमशुदगी क्यों दर्ज कराई।
- रूचि 12 फरवरी से गायब थी तो क्या पति व उसके परिजनों ने भी उसके संपर्क करने का प्रयास नहीं किया। अगर किया तो फोन बंद मिला तो विभाग ने इस संदर्भ में कोई शिकायत की।
- 17 फरवरी को अज्ञात महिला की लाश मिली, 72 घंटे तक उसकी पहचान के लिए इंतजार हो रहा था, अचानक 72 घंटे पूरे होने से चंद घंटे पहले उसकी पहचान होने का दावा किया जा रहा है कैसे।
- अगर अज्ञात महिला की लाश रूचि की नहीं है तो महिला कांस्टेबल रूचि कहां और किन परिस्थितियों में गायब है।

17 फरवरी को अज्ञात महिला की लाश मिली थी। उसकी पहचान के लिए 72 घंटे प्रयास किया जा रहा था। उसके कपड़ों से महिला कांस्टेबल के रूप में पहचान हुई है लेकिन उसका चेहरा काफी बिगड़ चुका है। लिहाजा महिला कांस्टेबल के परिजनों से संपर्क कर उनके जरिए पहचान कराई जा रही है।
कासिम आब्दी, एडीसीपी पूर्वी