कैसरबाग बस अड्डे पर भिड़े ड्राइवर कंडक्टर

- बस भरने की जल्दबाजी में बस को कर रहा था ओवरटेक

LUCKNOW:

अनुबंधित बसों के चालक किस तरह से परिवहन निगम को नुकसान पहुंचाने पर तुले है, उसका अंदाजा कैसरबाग पर सोमवार को हुई एक घटना से लगाया जा सकता है। सोमवार को परिवहन निगम की जनरथ बस अपने टाइम के अनुसार कैसरबाग बस अड्डे पर प्लेटफार्म पर खड़ी होने जा रही थी। लेकिन इसी दौरान उसी रूट की सवारियों को पहले भरने के लिए अनुबंधित बस के चालक ने जनरथ बस में टक्कर मार दी। इसके बाद बस अड्डे पर दोनों पक्षों के बीच जमकर हंगामा हुआ। दोनों पक्षों में हुई मारपीट से जहां संचालन बाधित रहा वहीं यात्री भी सहमें रहे। लगभग तीन घंटे तक बसों का संचालन प्रभावित रहा।

जल्दबाजी में हो गई टक्कर

कैसरबाग बस अड्डे से गोरखपुर के लिए अवध डिपो की जनरथ सेवा 11.30 बजे रवाना होती है। इस बस के इंतजार में यात्री खड़े थे। बस अपने तय समय से आधा घंटा पहले बस अड्डे में प्रवेश कर प्लेटफार्म की तरफ बढ़ रही थी तभी एक अनुबंधित बस ने यात्रियों को अपनी बस में बिठाने के लिए जल्दबाजी में बस बढ़ाई और जनरथ बस को साइड से टक्कर मार दी। ऐसे में इस बस के पीछे का कांच टूट गया। इसके बाद जनरथ के परिचालक अशाक यादव और अनुबंधित बस के चालक सोनू में कहा-सुनी शुरू हो गई। दोनों ने एक दूसरे पर ईट और पत्थर से वार करने लगे। जब तक चालक और परिचालक को छुड़ाया जाता तब तक दोनों ने एक-दूसरे को लहुलुहान कर दिया। मौके पर पुलिस बुलाई गई तब जाकर दोनों को छुड़ाया जा सका। दोनों को ही इलाज के लिए बलरामपुर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

इस लड़ाई झगड़े के बाद परिवहन निगम के संविदा चालकों और परिचालकों ने अनुबंधित बसों के चालकों की बढ़ती गुंडागर्दी की विरोध किया। चालकों और परिचालकों का कहना है कि अनुबंधित बसों के मालिकों को परिवहन निगम के कर्मचारी ही बढ़ावा देते हैं। अनुबंधित बसों के बढ़ने से निगम की आय भी प्रभावित हुई है। इस प्रदर्शन के चलते कैसरबाग बस अड्डे से बसों का संचालन भी प्रभावित रहा।

चालक और परिचालक की लड़ाई में कैसरबाग बस अड्डे पर गोरखपुर जाने वाली यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिस जनरथ से यात्रियों को जाना था, वह चालक और परिचालक की लड़ाई के बाद रद कर दी गई। यात्रियों को दूसरी बस से गोरखपुर के लिए रवाना किया गया।

दोनों पक्षों को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया। जनरथ के यात्रियों को दूसरी बस में बिठाकर रवाना कर दिया गया।

प्रमोद त्रिपाठी

इंचार्ज, कैसरबाग बस अड्डा