लखनऊ (ब्यूरो)। डीसीपी पश्चिम सोमेन वर्मा ने बताया कि अस्पताल में लगे सीसीटीवी फुटेज वहां के कर्मचारियों ने कई बार मांगने के बाद भी उपलब्ध नहीं कराए हैं। फुटेज से छेड़छाड़ की बात सामने आ रही है। यदि फुटेज से छेड़छाड़ की बात सही होगी तो आरोपियों के खिलाफ साक्ष्यों से छेड़छाड़ की धारा बढ़ाकर सख्त कार्रवाई होगी। बंधक बनाकर इलाज करने में यदि किसी डॉक्टर की भूमिका मिलेगी तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी।

सभी घर छोड़कर फरार

पुलिस के मुताबिक मजदूरों को बंधक बनाकर इलाज करने के मामले में अस्पताल व कॉलेज प्रबंधन से जुड़े अधिकतर लोग घर छोड़कर फरार हो गए हैं। उनकी धरपकड़ के लिए ठाकुरगंज, अलीगंज और महानगर में पुलिस टीम मुखबिर की मदद से लगी हुई है।

घर तक को पुलिस ने खंगाला

ठाकुरगंज पुलिस ने माल रोड स्थित डॉ। एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड लव शेखर सक्सेना को गुरुवार को रिमांड पर लिया और अस्पताल से घर तक सर्च अभियान चलाने के साथ पूछताछ की थी। पुलिस को कई अहम साक्ष्य हाथ लगे थे। इसके बाद अस्पताल से जुड़े लोगों को आरोपी बनाया गया है। उन डॉक्टरों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है, जिनकी उस दिन ड्यूटी थी।

मान्यता के लिए किया गया था खेल

8 फरवरी को डॉ। आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल में मान्यता के लिए मजदूरों को बंधक बनाकर इलाज करने का मामला सामने आया था। मौके से डॉ। एमसी सक्सेना कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड लव शेखर को गिरफ्तार किया गया था। बताते चले कि मेडिकल कॉलेज की मान्यता के मानक पूरा करने के लिए डॉ। एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में दिहाड़ी मजदूरों को बंधक बनाकर उन्हें मरीज के तौर पर भर्ती किया गया था।