- सीसीटीवी की निगाह में होंगे सभी सब स्टेशन

- ऊर्जा मंत्री ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन को निर्देश जारी किए

LUCKNOW

सभी बिजली सबस्टेशनों के साथ-साथ अधिकारियों के कार्यालयों में सीसीटीवी लगवाए जाएंगे। जिससे बिजली विभाग की सेवा में पारदर्शिता आ सके। इस संबंध में उपभोक्ता परिषद की मांग पर ऊर्जा मंत्री की ओर से पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।

आदेश को बनाया आधार

हाल में ही सीबीआई, ईडी व पुलिस थानों में सीसीटीवी ऑडियो रिकॉर्डिग कैमरा का ऐतिहासिक निर्देश जारी किया गया था जिसको आधार बनाकर बिजली विभाग में इस व्यवस्था को लागू कराने को लेकर उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने गुरुवार को ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से शक्ति भवन स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात कर प्रस्ताव सौंपा।

यह उठाया मुद्दा

प्रस्ताव के माध्यम से यह कहा गया की विद्युत वितरण खंडों, उपखंडों व उच्चाधिकारियों के दफ्तरों व पब्लिक डीलिंग वाले सभी बिजली दफ्तरों में ऑडियो रिकॉर्डिग कैमरा लगवाने का निर्णय लिया जाए। निश्चित ही इससे एक अच्छा संदेश जायेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी। इसी प्रकार बिजली विभाग के स्टोर्स में भी यह निर्णय लागू कराया जाना उपयोगी साबित होगा। ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहाकि उपभोक्ताओं की संतुष्टि सबसे अहम है।

हर हाल में फील्ड में निकलें अफसर

ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को ऊर्जा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने यूपीपीसीसीएल अध्यक्ष को निर्देश दिए कि आगामी गर्मी के मौसम के मद्देनजर अभी से यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में ट्रिपिंग न हो। इसके लिए जो भी आधारभूत सुविधाएं या तकनीकी आवश्यकताएं हैं उन्हें जरूर पूरा कर लिया जाए। सभी एमडी इसकी अपने स्तर से भी तैयारियां करा लें। ऊर्जा मंत्री ने कहाकि यूपीपीसीसीएल अध्यक्ष, डिस्कॉम्स के सभी प्रबंध निदेशक व निदेशक फील्ड में निकलें और उपकेंद्रों की मॉनीटरिंग के लिए जाएं। सभी नोडल अधिकारी अपने अधीन उपकेंद्रों का भौतिक निरीक्षण जरूर कर लें।

बिलिंग की समस्याओं पर नाराजगी

ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग में समस्याओं पर नाराजगी भी जताई। उन्होंने कहाकि उपभोक्ता को समय से बिल मिले, यह कारपोरेशन सुनिश्चित कराएं। एजेंसियों से हुए करार का पूरा अनुपालन हो इसकी भी यूपीपीसीसीएल अध्यक्ष अपने स्तर से समीक्षा कर लें। जहां खामियां हैं, वहां एजेंसियों के खिलाफ एफआईआर कराएं। उपभोक्ता को बिलिंग संबंधी समस्या हुई तो जवाबदेही तय होगी।