- 99.96 पसर्ेंटाइल पाकर आदित्य ने हासिल की 483 रैंक

- जेईई एडवांस के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू, 27 को एग्जाम

LUCKNOW: जेईई मेन रिजल्ट में इस बार भी राजधानी के टॉपर्स का वर्चस्व रहा। शहर के आदित्य पांडेय ने 99.963 परसेंटाइल, रैंक 483 और नमन ने 99.960 परसेंटाइल, रैंक 529 हासिल की। वहीं ग‌र्ल्स में नंदिनी दारूका ने 99.844 परसेंटाइल, रैंक 1840 और गुंजन शेखर ने 99.664 परसेंटाइल, रैंक 529 हासिल की।

जेईई एडवांस के रजिस्ट्रेशन शुरू

आईआईटी में प्रवेश के लिए जेईई एडवांस 2020 के रजिस्ट्रेशन शनिवार से शुरू हो गए हैं। इसकी लास्ट डेट 17 सितंबर है। एग्जाम का रिजल्ट 5 अक्टूबर को जारी किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन जेईई एडवांस की आधिकारिक वेबसाइट पर किया जाएगा।

ये हुए बदलाव

इस वर्ष एमएचआरडी ने घोषणा की है कि 12वीं पास करने वाले सभी स्टूडेंट्स आईआईटी में एडमिशन के पात्र होंगे। वहीं जेईई एडवांस में इस बार शामिल होने वाले उम्मीदवारों की संख्या को भी बढ़ाया गया है। इस बार जेईई मेन क्वॉलीफाइड उम्मीदवारों की संख्या 2,50,000 कर दी गई है।

टॉपर्स से बातचीत

लिखकर पढ़ना चाहिए

मेरे पिता विनय कृष्ण पांडेय नार्दर्न रेलवे में एडीआरएम हैं और मां प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती हैं। मैं दिन में 8 से 10 घंटे रोज पढ़ाई करता था। एग्जाम से पहले पिछले साल की टेस्ट सीरीज दी। मैं दो साल से इसकी तैयारी कर रहा था। मैंने इंटर इायबल इंटर कॉलेज से किया है। मेरे टीचर जो भी काम देते थे, उसे मैं समय पर खत्म करता था। किसी भी एग्जाम में सफल होने क लिए टीचर्स का गाइडेंस बहुत जरूरी है।

टिप्स: लिखकर पढ़ाना चाहिए उससे ज्यादा याद होता है। क्लास में डाउट्स क्लियर कर लेने चाहिए।

आदित्य पांडेय, 99.963, रैंक 483

रिसर्च करके बनूंगा साइंटिस्ट

मेरे पिता शशांक कुमार राम सागर मिश्र अस्पताल में डॉक्टर हैं, मां डॉ। पिंकी प्राइवेट अस्पताल में काम करती हैं। मैंने प्रैक्टिस करके एक्यूरेसी पर पूरा फोकस किया। मैंने द मिलेनियम स्कूल साउथ सिटी से पढ़ाई की है। कोरोना की वजह से एग्जाम में तैयारी का काफी समय मिला। मेरा लक्ष्य रिसर्च करके साइंटिस्ट बनना है। मैं फुटबॉल प्लेयर रोनाल्डो से मोटिवेट होता हूं, वो कभी हार नहीं मानते हैं।

टिप्स: मिस्टेक पर अधिक ध्यान न दें। रिवीजन बहुत जरूरी है।

नमन प्रताप, 99.960, रैंक 529

पढ़ाई को कभी बोझ न समझें

मेरे पापा चंद्र भूषण पांडेय सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और मां सरिता हाउस वाइफ हैं। मैंने पढ़ाई को कभी बोझ नहीं समझा। मैं पढ़ाई के दौरान ब्रेक लेकर वो करता रहा जो मुझे पसंद था। कोचिंग और स्कूल में जो पढ़ाया जाता, उसे ठीक से पढ़ना चाहिए। मुझे टीचर्स जो बताते थे उसे पूरे मन से पढ़ता था। मैं पिछले दो साल से इसकी तैयारी कर रहा था। मेरा सपना था कि मैं इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस से पढ़ाई करूं, उसी को लक्ष्य बनाकर मैंने तैयारी की।

टिप्स- टीचर्स जो बताएं, उसे ठीक से पढ़ें। पढ़ाई को कभी बोझ न समझें।

शिवांग पांडेय, 99.91, रैंक 1096

टीचर्स की सलाह मानें

मेरे पापा अमरीष दारुका की कोचिंग है और मां हाउस वाइफ हैं। मैं दिन में 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी। एसाइनमेंट समय पर पूरा करती थी और टेस्ट के दौरान पढ़ाई का टाइम भी बढ़ा देती थी। जब क्लास छह में थी, तभी निश्चय कर लिया था कि मुझे आईआईटी में एडमिशन लेना है। मैंने सीएमएस गोमती नगर से पढ़ाई की है। जब कभी निराश होती तो मम्मी-पापा मुझे मोटिवेट करते। मुझे नॉवेल पढ़ना बहुत अच्छा लगता है।

टिप्स: क्लास टेस्ट पर अधिक फोकस करें। टीचर्स की सलाह हमेशा मानें।

नंदनी दारूका, 99.58