लखनऊ (ब्यूरो)। खुद को विधायक व यूपी पुलिस का एडीजी बताने वाले दो शातिरों को डीसीपी पूर्वी क्राइम, साइबर सेल व चिनहट थाना पुलिस की संयुक्त टीम ने अहिमामऊ पुल के पास से बुधवार को गिरफ्तार किया। आरोपी अपनी गाड़ी में लाल नीली बत्ती, पुलिस स्टीकर व बीजेपी झंडा लगाकर चलते थे। इसमें एक आरोपी एडीजी और दूसरा विधायक बताकर बुजुर्ग किसानों से ठगी करते थे। पकड़े गए आरोपियों की पहचान सुल्तानपुर के शैलेन्द्र कुमार और रविन्द्र कुमार को के रूप में हुई है।

पुलिस कर रही थी तलाश

डीसीपी पूर्वी हृदेश कुमार ने बताया कि 2019 में आरोपियों के खिलाफ चिनहट थाने में धोखाधड़ी के धाराओं में केस दर्ज है। इनकी पुलिस तलाश कर रही थी। बुधवार को सूचना मिली कि आरोपी सुल्तानपुर की ओर गाड़ी पर लाल नीली बत्ती लगाकर जा रहे हैं। पुलिस ने अहियामऊ पुल के पास वाहनों की चेकिंग शुरू की। अर्जुनगंज कैंट की तरफ से आ रही इनोवा नंबर (यूपी50 एयू002) पर लाल नीली बत्ती व आगे पीछे पुलिस लिखा था, जबकि उसके पीछे आ रही फार्च्यूनर गाड़ी पर विधायक का स्टीकर और बीजेपी का झंडा लगा हुआ था। यह देख पुलिस ने दोनों गाड़ियों को रोककर पूछताछ शुरू की तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

रियल इस्टेट का करते हैं काम

गाड़ी में शैलेश और रविन्द्र कुमार के पास से पुलिस अधिकारी का परिचय पत्र, 2 हजार रुपये के नकली नोट समेत अन्य कई चीजें मिलीं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे रियल इस्टेट का काम करते हैं। बुजुर्ग किसानों को अपने जाल में फंसाने के लिए 2 हजार रुपये की नकली नोट रखते थे, ताकि किसान उन्हें पुलिस अधिकारी समझें। टोल टैक्स से बचने के लिए इन्होंने गाड़ी पर विधायक और पुलिस लिखा रखा था।

ये सामान बरामद हुआ

- पुलिस का स्टीकर लगी इनोवा

- विधायक का स्टीकर लगी फार्च्यूनर

- 80 हजार रुपए

- 5 एटीएम कार्ड

- 2 वॉकी-टॉकी

- 2 हजार रुपए की चिल्ड्रेन बैक लिखी 33 गड्डियां

- 6 मोबाइल फोन

ट्रू-कॉलर पर एडीजी लखनऊ के नाम से नंबर

साइबर सेल प्रभारी सतीश साहू ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी दोनों सगे भाई है। रविंद्र का मोबाइल नंबर ट्रू-कॉलर पर एडीजी लखनऊ के नाम से शो होता है। यहां तक खुद को अधिकारी बताने के बाद भी दरोगा की वर्दी में फोटो लगा रखी है। जिसको टोल पर लोगों को दिखाकर रौब गांठता था।

किसानों से ली थी जमीन

चिनहट स्थित क्रिस्टल व्यू अपार्टमेंट निवासी सिराह अहम ने नवंबर 2019 में सुरेंद्र पाठक, रविंद्र कुमार और छोटे लाल के खिलाफ मुकदमा लिखाया था। आरोप था कि सुरेंद्र और रविंद्र ने सुलतानपुर के आसपास के किसानों की जमीन उनको बेंची। जिसमें सिर्फ जमीन के टुकड़े का बैनामा कराया बाकी का नहीं। पैसा मागने पर पांच चेक दी, वह भी बाउंस हो गई। पैसा मांगने पर करीब एक करोड़ के बदले दो लाख रुपये देने को तैयार हुए। उसके बाद पैसा देने से मुकर गए।