छोटी छठ आज, महिलाएं रखेंगी 36 घंटे का निर्जला व्रत

LUCKNOW :

छठ महापर्व की नहाय खाय के साथ शुक्रवार को शुरुआत हो गई। शनिवार को छोटी छठ खरना में व्रती महिलाएं लौकी की खीर व सात्विक भोजन ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखेंगी। जिसमें छह नंवबर को नहर और तालाब के पानी में खड़ी होकर शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य देंगी जबकि सात को उदयीमान सूर्य को अ‌र्घ्य देकर अपने व्रत का पारण करेगी। घाट से लेकर पाकरें में सूर्य को अ‌र्घ्य देने की तैयारियां लगभग पूरी हो गई है। छठ का सामान खरीदने वालों से बाजार में खासी भीड़ हो रही है।

क्या होता है नहाय खाय

इस दिन मुख्य रुप से घरों की सफाई होती है साथ ही व्रती महिलाएं रसोई की सफाई कर व्रत में खाये जाने वाले अन्न धोकर साफ करती है। इसके स्नानकर भोजन ग्रहण करती है। शुक्रवार को नहाय खाय के दिन महिलाओं ने घाटों का जायजा लिया। साथ ही घाट पर छठ मईया का प्रतीक सुसोबिता बनाई। शनिवार को छोटी छठ के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरु हो जायेगा।

कालोनियों में होगी पूजा

छठ पूजा के लिए झूलेलाल वाटिका, लक्ष्मण घाट, खदरा घाट के साथ पार्को व कालोनियों में भी तैयारियां पूरी हो गई है। जो व्रती महिलाएं नदी तालाब व नहर के किनारे जाकर पूजा नहीं कर सकती उनके लिए शहर के पार्को में व्यवस्था की गई है। कृष्णानगर के मानसनगर स्थित संकट मोचन हनुमान मंदिर (नई पानी की टंकी पार्क) में इस बार छठ पूजा होगी। यहां के निवासियों की ओर से मंदिर परिसर में पूजन स्थल का पक्का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा पीएसी महानगर, छोटी व बड़ी नहर आलमबाग के साथ ही मवैया में भी महिलाएं पूजन करेंगी। चिनहट के कमला नेहरु पार्क में छठ पूजा की तैयारियां जोरों पर है यहां पर करीब 60 परिवार एक साथ पूजा करते है।

ऐसे होती है पूजा

लौकी की खीर खाकर महिलाएं व्रत शुरू करती हैं। बेटा या पति बांस की टोकरी में मौसमी फल व सब्जियों को छह, 12 व 24 की संख्या में लेकर नदी या तालाबों के किनारे जाते हैं। छठ गीत गाती व्रती महिलाओं के संग अन्य महिलाएं घाट तक जाती हैं। मिट्टी की सुसोबिता बनाकर पुरोहितों के सानिध्य में पूजा होती है। गन्ने के साथ ही दूध व गंगा जल से डूबते सूर्य को अ‌र्घ्य दिया जाता है। दूसरे दिन उगते सूर्य की उपासना और अ‌र्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाता है।