- 10 साल में राजधानी में हुआ काफी विकास

- बदल गई लखनऊ की सूरत

LUCKNOW

दस साल पहले शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि कभी गांव भी नगर निगम लखनऊ की सीमा में आएंगे लेकिन अंतत: नए दशक की शुरुआत से चंद दिन पहले ही 88 गांव न सिर्फ नगर निगम में शामिल हुए बल्कि उनमें विकास का खाका भी तैयार किया जाने लगा। इसी तरह शहीद पथ, सीतापुर रोड, रायबरेली रोड, फैजाबाद रोड समेत कई मुख्य मार्गो के आसपास आवासीय योजनाओं को रफ्तार भी मिली। शहर के बाहरी एरिया में प्राधिकरण की ओर से श्रंखलाबद्ध तरीके से टाउनशिप योजनाओं को हरी झंडी दी गई। आइए जानते हैं, पिछले दस सालों में आए अभूतपूर्व परिवर्तनों के बारे में

88 गांवों को हरी झंडी

कभी ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले 88 गांव अब नगर निगम में शामिल हो चुके हैं। नगर निगम की ओर से इन सभी गांवों में विकास कराने के लिए कई बिंदुओं पर एक्शन प्लान तैयार करने का काम भी शुरू कर दिया गया है। एक्शन प्लान में साफ है कि इन गांवों में वॉटर लाइन, सीवरेज लाइन के साथ-साथ पार्को का सौंदर्यीकरण, गढ्डा मुक्त सड़कें बनाई जाएंगी। जिसका सीधा फायदा इन गांवों में रहने वाले हजारों लोगों को मिलेगा।

आवासीय योजनाओं को रफ्तार

लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से आवासीय योजनाओं को रफ्तार दी गई। जिससे हजारों लोगों का अपने आवास का सपना साकार हुआ। शहर की प्राइम लोकेशन अलीगंज हो या फिर गोमती नगर विस्तार या फिर शहर को दूसरे शहरों से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग, हर तरफ आवासीय योजनाओं को इंप्लीमेंट किया गया। इसके साथ ही व्यावसायिक योजनाओं को भी गति मिली। हाल में ही बसंतकुंज योजना में व्यावसायिक भूखंडों की सौगात दी गई। इसकी योजना सालों पहले बनाई गई थी।

टाउनशिप पर भी फोकस

शहर की जनता को टाउनशिप की भी सौगात दी गई। प्राधिकरण की ओर से सीतापुर रोड से लेकर फैजाबाद रोड के किनारे टाउनशिप का एक्शन प्लान तैयार किया। वहीं आवास विकास की ओर से भी शहीद पथ के आसपास पांच हजार से अधिक फ्लैट्स बनवाए गए। हाल में ही आवास विकास की ओर से शहीद पथ के किनारे आवासीय भूखंडों की सौगात देने संबंधी तैयारी भी की जा रही है।

नवीन मार्गो का निर्माण

नगर निगम की ओर से सभी 110 वार्डो में नवीन मार्गो का भी निर्माण कराया गया। हर माह किसी न किसी वार्ड में नई सड़क का निर्माण शुरू होता है, जबकि दस साल पहले सड़क निर्माण की रफ्तार थोड़ी धीमी थी। इतना ही नहीं, सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके मेंटीनेंस पर भी फोकस किया गया।

समायोजन का रास्ता साफ

प्राधिकरण की ओर से पिछले दो से तीन सालों में समायोजन पर खासा फोकस किया गया। समायोजन से तात्पर्य ऐसे लोगों के आवास का सपना पूरा करना है, जिन्होंने कई साल पहले प्लॉट या मकान तो खरीद लिया लेकिन उन्हें अभी तक कब्जा नहीं मिला। पिछले दो साल में प्राधिकरण की ओर से तीन हजार से अधिक लोगों को दूसरी योजनाओं में समायोजित किया। जिससे आवंटियों को आवास संबंधी खासी राहत मिली।

ई ऑक्शन और ऑनलाइन मैप सिस्टम

सबसे बड़ा कदम संपत्तियों के आवंटन और उनका नक्शा पास कराने को लेकर उठाया गया। ई ऑक्शन व्यवस्था शुरू हुई, जिससे संपत्तियों के आवंटन के फर्जीवाड़े में रोक लगी, वहीं ऑनलाइन मैप सिस्टम से मैप पास कराना आसान हुआ। पहले मैप पास कराने के लिए लोगों को प्राधिकरण के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है। आप घर बैठे ही नक्शा पास करा सकते हैं। जिससे मैप पास कराने के एवज में होने वाली वसूली पर रोक लगी।