लखनऊ (ब्यूरो)। कैंसर मरीजों को सस्ती व सटीक दवा मुहैया कराने के कैंसर संस्थान में नई दवाओं को लेकर क्लीनिकल ट्रायल किया जायेगा, ताकि मरीजों को बेहतर और सस्ती दवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसके लिए मंगलवार को कैंसर संस्थान ने रॉस प्रोडक्ट लिमिटेड के साथ करार संस्थान के निदेशक डॉ। आरके धीमन, रेडियोथेरेपी विभाग के अध्यक्ष व रिसर्च सेल के प्रभारी डॉ। शरद सिंह सहित अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ।

सस्ती दवाओं का मिलेगा फायदा

निदेशक डॉ। आरके धीमन ने कहा कि देश में कैंसर मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। बड़े संस्थानों पर लोड ज्यादा है। इस दौरान ऑपरेशन की विधि व नई दवाएं विकसित हुई हैं, लेकिन कीमोथेरेपी काफी महंगी है। जिससे कैंसर मरीज व उनके परिवारीजनों पर अत्याधिक आर्थिक बोझ का सामना करना पड़ रहा है। ज्यादातर दवाइयों का आविष्कार विदेशों में होता है। ये दवाइयां दूसरे दशों में बहुत महंगी दर पर मुहैया कराई जताई हैं। डॉ। शरद सिंह के मुताबिक, दवाओं की कीमतों में कमी लाने के लिए संस्थान में रॉस के साथ मिलकर ग्लोबल क्लीनिकल ड्रग ट्रायल होगा। जिससे संस्थान के विभिन्न विभागों में मरीजों के ऊपर नई दवा का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया जा सकेगा। नतीजतन, भविष्य में कैंसर की दवाओं का उत्पादर भारत में हो सकेगा। इसके अलावा, भविष्य में कैंसर मरीजों को ट्रायल के दौरान मुफ्त दवाएं व जांच की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इस मौके पर रॉस की डॉ। मोनिका, डॉ। प्रियंका भट्टाचार्य, सीएमएस डॉ। अनुपम वर्मा, एमएस डॉ। देवाशीष शुक्ला समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।

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पीजीआई में गंभीर मरीजों के लिए बढ़े 15 बेड

संजय गांधी पीजीआई की मेडिसिन इमरजेंसी में बेडों की संख्या में विस्तार किया गया है। मंगलवार को यहां के रेड जोन में 15 बेडों का नया रेड जोन शुरू किया गया है। जिसके साथ यहां बेडों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। जिससे गंभीर मरीजों को त्वरित इलाज हासिल हो सकेगा। निदेशक प्रो। आरके धीमन ने बताया कि रेड जोन में 15 और बिस्तर जोड़ दिए गए हैं। तो अब छह स्ट्रेचर बेड के साथ रेड में 27, येलों में 18 और ग्रीन जोन में 24 बेड हैं। आपातकालीन बिस्तरों की कुल संख्या अब 75 है। जल्द ही विभाग में बेडों की और संख्या बढ़ाई जाएगी।