लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ यूनिवर्सिटी ने वोकेशनल कोर्स की लिस्ट तो शेयर कर दी है, लेकिन कॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते कोर्सेज चला नहीं पा रहे हैं। कॉलेजों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में कई ऐसे एडवांस कोर्स हैं जो स्टूडेंट्स के लिए बहुत लाभदायक हैं, लेकिन कॉलेजों के पास फैकल्टी नहीं है और न ही दूसरी सुविधाएं हैं ऐसे में इन कोर्सेस को चलाना बड़ी चुनौती है।

वैदिक मैथ्स के लिए हमें टीचर ही नहीं मिले

श्री जयनारायण मिश्रा पीजी कॉलेज (केकेसी) में बीते साल ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए कंप्यूटर और लीडरशिप से जुड़ा वोकेशनल कोर्स शुरू हुआ था। कॉलेज की प्राचार्य मीता शाह ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत हम लोगों ने कोर्स शुरू किया था। इस साल एक-दो दिन में हम लोग मैनेजमेंट की बैठक करके तय करेेंगे कि इस साल कौन से कोर्स शुरू किए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि एलयू ने कई ऐसे कोर्स की लिस्ट बनाई थी जो एडवांस हैं और स्टूडेंट्स के लिए आगे चलकर रोजगारपरक भी साबित होंगे, लेकिन उन कोर्सेज को चलाने के लिए हमारे पास फैकल्टी ही नहीं है। उन्होंने बताया कि जैसे वैदिक मैथ्स को चलाने के लिए हमने अपने स्टाफ से बात की थी, लेकिन कोई शिक्षक ही नहीं मिला।

इस साल शुरू करेंगे ब्यूटीशियन का कोर्स

नवयुग कन्या महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो। मंजुला उपाध्याय ने बताया कि इस साल कॉलेज में ब्यूटीशियन का वोकेशनल कोर्स शुरू किए जाने पर विचार चल रहा है। बीते साल स्किल डिवेलपमेंट के तहत कंप्यूटर और टेलरिंग के कोर्स शुरू किए गए थे। जो वोकेशनल कोर्स कॉलेजों को प्रोवाइड कराने की बात आई थी, उनका सिलेबस थ्योरिटिकल है। इसके अलावा वोकेशनल कोर्स की एक घंटे की क्लास को एक क्रेडिट माना जाता है। ऐसे में कॉलेजों में रेगुलर क्लास होने के बाद वोकेशनल क्लास में खुद स्टूडेंट्स ही इतना इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं। यही नहीं, अगर कॉलेज खुद अपना कोई कोर्स चलाना चाहता है तो उसको सिलेबस भी एलयू का फॉलो करना पड़ता है। इसके लिए कॉलेज की स्किल डिवेलपमेंट टीम भी काम कर सकती है। अगर हम लोग कॉलेज में एडवांस कोर्स चलाएंगे तो हमें बाहर से ही फैकल्टी हायर करनी पड़ेगी।

इंटर्नशिप कहां से करें, यह भी एक चुनौती

नेशनल पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ। देवेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि कॉलेज कई वोकेशनल कोर्स चला रहा है। हम लोग स्टूडेंट्स को कोर्स से संबंधित जानकारी तो दे देते हैं, लेकिन कोर्स के बाद वे इंटर्नशिप कहां से करेंगे यह बड़ी चुनौती है। वोकेशनल कोर्स से फैकल्टी पर भी एक्स्ट्रा दबाव आता है। इन सब समस्याओं को देखना चाहिए।