लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपका कोई भूखंड या फ्लैट है और वो लंबे समय से खाली पड़ा है तो जरा अलर्ट रहें। समय-समय पर आकर उसकी जांच करते रहें। कहीं ऐसा न हो कि आपके भूखंड या फ्लैट पर किसी का कब्जा हो गया हो। ऐसे मामले सामने आने के बाद प्राधिकरण प्रशासन की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें मूल आवंटियों से अपनी संपत्ति की मॉनीटरिंग करने को कहा गया है। प्राधिकरण की ओर से यह भी कहा गया है कि अगर आपको आवंटित संपत्ति पर कोई कब्जा कर लेता है, तो तत्काल उसकी जानकारी दें, ताकि अवैध कब्जेदारों के खिलाफ एक्शन लिया जा सके।

केस एक

अलीगंज निवासी राकेश ने एक भूखंड खरीदा था। उन्होंने प्रक्रिया पूरी की फिर कई दिनों के लिए बाहर चले गए। जब लौटकर आए तो उन्होंने पाया कि उनकी संपत्ति पर किसी और का कब्जा हो गया है। उन्होंने प्राधिकरण में कंपलेन की, जिसके बाद अवैध कब्जेदार पर एक्शन लिया गया।

केस दो

नेहरू एंक्लेव में भी मूल आवंटी के एक फ्लैट पर कब्जा होने संबंधी जानकारी सामने आई। मूल आवंटी की शिकायत पर प्राधिकरण ने एक्शन लिया और फ्लैट को अवैध कब्जे से खाली कराया।

प्राधिकरण में आ रहीं कंपलेन

प्राधिकरण में मूल आवंटियों की कई ऐसी कंपलेन आ रही हैैं, जिसमें देखने में आ रहा है कि उनकी मूल संपत्ति पर किसी और ने कब्जा कर लिया और उन्हें पता ही नहीं चला।म् मामला संज्ञान में आने के बाद प्राधिकरण की ओर से कार्रवाई की गई। इतना ही नहीं, कई ऐसे भी मामले सामने आ रहे हैैं, जिससे मूल आवंटी के भूखंड के क्षेत्रफल को कम करके अवैध निर्माण करा लिया गया है।

मॉनीटरिंग बहुत जरूरी

जिस रफ्तार से संपत्तियों पर कब्जे की शिकायतें बढ़ रही हैैं, उससे साफ है कि मूल आवंटियों को खासा अलर्ट रहने की जरूरत है। जरा सी लापरवाही उनके जीवन भर की कमाई को डुबो सकती है। ऐसे में स्पष्ट है कि मूल आवंटियों को समय-समय पर अपने फ्लैट या भूखंड की मॉनीटरिंग जरूर करनी चाहिए, ताकि उन्हें भविष्य में किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

ये कदम उठाएं

1-लंबे समय तक भूखंड या फ्लैट खाली न छोड़ें

2-अपने किसी परिचित को ही फ्लैट इत्यादि किराये पर दें

3-अगर अजनबी को फ्लैट किराये पर दें तो रेंट एग्रीमेंट जरूर कराएं

4-अवैध कब्जा मिलने पर तुरंत एक्शन लें

अपने डॉक्यूमेंट्स मजबूत रखें

अगर आपने फ्लैट इत्यादि की रजिस्ट्री करा ली है तो उसके डॉक्यूमेंट्स अपने पास संभाल कर रखें। किसी अजनबी को अपने फ्लैट या भूखंड के कागज न दें। ऐसा करने पर आपके डॉक्यूमेंट्स की स्कैनिंग होने की संभावना है। डॉक्यूमेंट्स की स्कैनिंग होने पर आपकी संपत्ति पर अवैध कब्जा किया जा सकता है।

रजिस्ट्री के 'खेल' आ चुके सामने

गोमतीनगर और टीपी नगर योजना में भूखंडों की फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराए जाने के मामले सामने आ चुके हैैं। एलडीए की ओर से उक्त मामलों की जांच कराई जा रही है। इसके साथ ही, अन्य योजनाओं में भी भूखंडों की रजिस्ट्री इत्यादि की जांच कराई जा रही है, ताकि अगर फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कराकर किसी भूखंड की बंदरबांट की गई है, तो तत्काल उस पर कार्रवाई की जा सके। इसके साथ ही, एलडीए की ओर से पूर्व में जो आवंटन हुए हैैं, उनके मूल आवंटियों को भी कॉल करके रजिस्ट्री इत्यादि की जानकारी ली जा रही है। मूल आवंटियों को लेकर बकायदा एक अलग से रिकॉर्ड भी तैयार कराया जा रहा है।