लखनऊ (ब्यूरो)। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर ने बुधवार को अपना 70वां वार्षिक दिवस मनाया। इस अवसर पर चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कानपुर के कुलपति डॉ। आनंद कुमार सिंह बतौर मुख्य अतिथि, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के उत्तरपूर्वी हिमालय क्षेत्र के अनुसंधान केद्र के निदेशक डॉ। वीपी मिश्र विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। संस्थान की वार्षिक रिपोर्ट संस्थान के निदेशक डॉ। अजित कुमार शासनी ने पेश की।

खेती में विविधता होनी चाहिए

मुख्य अतिथि डॉ। आनंद कुमार सिंह ने देश के विभिन्न हिस्सों के किसानों द्वारा कुछ चुनिंदा फसलों पर ही आश्रित रहने पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को अपनी खेती में विविधता लाने के लिए प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। आज हमारे भोजन में कार्बोहाइड्रेट का काफी उपयोग होता है, जिसके कारण शरीर को अन्य पोषण तत्व भरपूर मात्रा में नहीं मिल पाते। इसका नतीजा यह होता है कि इतनी अधिक मात्रा में अनाज उगाने के बाद भी लोग कुपोषण से ग्रसित हैं। वहीं, डॉ। विनय कुमार मिश्र ने कहा कि हमे इस पर विचार करना चाहिए कि हम देश के प्रति क्या कर रहे है और भविष्य में आने वाली चुनौतियों के समाधान में अपना क्या योगदान दे सकते हैं। इस अवसर वैज्ञानिकों द्वारा प्रकाशित शोध पत्रों में सबसे अधिक इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध पत्र को प्रो। केएन कौल बेस्ट रिसर्च पेपर प्रमाणपत्र दे कर सम्मानित किया गया। इस वर्ष यह सम्मान संस्थान की वैज्ञानिक डॉ। शुचि श्रीवास्तव एवं उनकी टीम को दिया गया।

क्रोमा-3 कैप्सूल बनाने की तकनीक

इस अवसर पर संस्थान द्वारा हल्दी में पाए जाने वाले महत्वपूर्ण यौगिक कर्कुमिन के खाने योग्य कैप्सूल क्रोमा-3 बनाने की तकनीक को मेसर्स जेवियर मेड प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद को स्थानांतरित किया गया। वैज्ञानिक डॉ। बीएन सिंह ने बताया कि हल्दी में पाए जाने वाले कर्कुमिन यौगिक को कैप्सूल फॉर्म में बेहतर जैव उपलब्धता और औषधीय गुणों के साथ एक मानकीकृत हर्बल फॉर्मूलेशन के रूप में तैयार किया गया है। क्रोमा-3 के हर्बल फार्मूलेशन में 10 फीसदी से अधिक कर्कुमिन होता है, जो बेहतर औषधीय गुणों के साथ-साथ शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को भी मजबूत करता हैं। इसको आयुष मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुरूप विकसित किया गया हैं। समारोह के अंत में डॉ। पीए शिर्के द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।