लखनऊ (ब्यूरो)। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) में शामिल होने वालों ने इस बार लखनऊ यूनिवर्सिटी और सम्बद्ध डिग्री कॉलेजों को अपनी एडमिशन प्रक्रिया को लेकर नए सिरे से सोचने को मजबूर कर दिया है। इस साल से शुरू हुए सीयूईटी और उसके एंट्रेंस एग्जाम की डेट ने एलयू व डिग्री कॉलेजों के एंट्रेंस और एडमिशन प्रक्रिया को बुरी तरह से उलझा कर रख दिया है। साथ ही, टॉपर्स के यहां एडमिशन न लेने की संभावना को भी बढ़ा दिया है। अगर सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन की प्रक्रिया पहले पूरी हो जाती हैं, तो हो सकता है टॉपर्स राजधानी के शिक्षण संस्थाओं का रुख न करें। वहीं, एलयू की ओर से बीते तीन से चार वर्षांे में अपनी छवि और क्वालिटी को सुधारने के लिए जितने भी प्रयास किए गए हैं। उसका फायदा कम ही मिलने की उम्मीद है।

टॉपर्स की पहली पसंद सेंट्रल यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटीज में बीते एक दशक में हुए एडमिशन रिकार्ड को देखते हुए सभी बोर्ड के टॉपर्स की पहली पसंद सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे डीयू, जेएनयू, बीएचयू, अलीगढ़ सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी सहित सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज रही हैं। इस साल से शुरू हुए सीयूईटी की प्रक्रिया में टॉपर्स को इन सभी सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एक साथ एडमिशन लेने का मौका मिला है। एक्सपट्र्स का मानना है कि टॉपर्स स्टूडेंट्स का रुझान स्टेट यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की तरफ कम ही रहेगा।

बीते साल खाली रह गई थीं सीटें

बीते साल एलयू ने काफी पहले अपनी प्रवेश परीक्षा कराकर एडमिशन कर लिए थे, जिस कारण जब सेंट्रल यूनिवर्सिटी की प्रवेेश परीक्षा बाद में आयोजित हुई तो पीजी के कई कोर्सेज सीटें फुल होने के बाद भी स्टूडेंट्स ने एडमिशन कैंसिल कराकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी चले गए थे। इसका खामियाजा सांख्यिकी, लॉ, सोशलवर्क, साइकोलॉजी सहित कई पीजी कोर्सेज को उठाने पड़ा था। बाद में एलयू को दोबारा से काउंसलिंग की प्रक्रिया आयोजित कर मेरिट में एडमिशन पाने से रह गए स्टूडेंट्स को बुलाकर एडमिशन देना पड़ा था।

पहले से ही शुरू हो गई प्रक्रिया

एलयू समेत सभी डिग्री कॉलेजों में आवेदन फॉर्म भरने की प्रक्रिया अप्रैल-मई से ही शुरू हो चुकी है। यह प्रक्रिया जून लास्ट व कहीं-कहीं जूलाई के फस्र्ट व सेकेंड वीक में समाप्त हो रही है। हर साल जहां मनपसंद कोर्स की सीट पाने के लिए मेरिट की जंग होती थी। वहीं, इस बार कई कॉलेजों की सीटों के सापेक्ष अभी तक आवेदन तक नहीं प्राप्त हुए हैं। एलयू व डिग्री कॉलेजों में एडमिशन के लिए यूजी की कुल 51 हजार से अधिक सीटें हैं। बीते तीन सालों में एलयू में आवेदनों की संख्या में लगातार ग्राफ बढ़ रहा था। वहीं यूनिवर्सिटी के सूत्रों का कहना है कि इस बार सीयूईटी के कारण यूनिवर्सिटी को झटका लगा है। आवेदनों की संख्या उम्मीदों के अनुरूप रहने की उम्मीद है। पर इस बार टॉपर्स या मेरिट में शामिल रहने वाले स्टूडेंट्स की संख्या काफी कम रहने की उम्मीद है, क्योंकि सीयूईटी शुरू होने से उनका रुझान उस तरफ ज्यादा है।

कहां कुल कितनी सीटें

एलयू में कुल सीटें-4200 से अधिक

नेशनल पीजी कॉलेज-1140

क्रिश्चियन डिग्री कॉलेज-1600

केकेसी पीजी कॉलेज-2800

केकेवी डिग्री कॉलेज-1600

कालीचरण पीजी कॉलेज-1000

शिया पीजी कॉलेज-2690

महिला पीजी कॉलेज-1700

अवध गल्र्स कॉलेज-640

नेताजी सुभाष चंद्र बोस-600

डीएवी कॉलेज-800