लखनऊ (ब्यूरो)। फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन (एफसीआरएफ) की ओर से साइबर अपराधों पर डीप स्टडी की गई है। यह स्टडी जनवरी 2020 से जून 2023 तक बेस्ड है और इसके आधार पर डेटा भी तैयार किया गया है। इस स्टडी में एक चौंकाने वाला यह मामला सामने आया है कि साइबर ठगों की पहली पसंद ऑनलाइन फाइनेंशियल लेनदेन है। इस तरह के लेनदेन में फ्रॉड का आंकड़ा करीब 77.41 प्रतिशत है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ऑनलाइन लेनदेन कितना सुरक्षित है। इसके साथ ही ऑनलाइन सोशल मीडिया रिलेटेड क्राइम का आंकड़ा दूसरे नंबर पर है। यह करीब 12.02 प्रतिशत है।

साइबर फ्रॉड एक नजर में

फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन की ओर से साइबर अपराध से रिलेटेड अलग-अलग वर्गों में रिपोर्ट तैयार की गई है। इन वर्गों में ऑनलाइन सोशल मीडिया रिलेटेड क्राइम, ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड, कंप्यूटर सिस्टम की हैकिंग या डैमेज इत्यादि शामिल किए गए हैैं।

इस तरह समझें

1-ऑनलाइन सोशल मीडिया रिलेटेड क्राइम-इस श्रेणी के अंतर्गत क्राइम का प्रतिशत करीब 12.02 है। इस श्रेणी में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया से जुड़े अपराधों को शामिल किया गया है। इस डोमेन की उपश्रेणियों में साइबर बुलिंग, सेक्सटिंग, ईमेल फिशिंग इत्यादि शामिल है।

2-ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड-इस श्रेणी के अंतर्गत क्राइम का प्रतिशत करीब 77.41 प्रतिशत है। इसके अंतर्गत डेबिट-क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, इंटरनेट बैैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी और यूपीआई धोखाधड़ी शामिल है।

3-हैकिंग-डैमेज टू कंप्यूटर सिस्टम-इस श्रेणी के अंतर्गत आंकड़ा करीब नौ प्रतिशत है। इसमें ऑनलाइन साइबर तस्करी, ऑनलाइन जुआ, क्रिप्टोकरेंसी अपराध और साइबर आतकंवाद को शामिल किया गया है। ये श्रेणियां सामूहिक रूप से भविष्य के संभावित खतरों के खिलाफ साइबर सुरक्षा जागरूकता और योजना की महत्वता पर जोर देती हैैं।

10 जिले चिन्हित किए गए

रिपोर्ट में डिजिटल खतरों के प्रति सबसे अधिक 10 संवेदनशील जिलों की भी पहचान की गई है। ये जिले देशभर में दर्ज किए गए साइबर अपराध की 80 प्रतिशत घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैैं। इस लिस्ट में पहले नंबर पर भरतपुर है, जहां 18 प्रतिशत घटनाओं को दर्ज किया गया है। वहीं, मथुरा में 12 प्रतिशत और नूंह 11 प्रतिशत घटनाएं दर्ज हुईं।

संस्था एक नजर में

फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी स्टार्टअप है, जो साइबर सुरक्षा, डिजिटल अपराध, धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन, साइबर कानून और साइबर फोरेंसिक से संबंधित अनुसंधान में विशेषज्ञता रखता है। फाउंडेशन का लक्ष्य भारत में डिजिटल जागरूकता बढ़ाना और साइबर-सुरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है। उनके मिशन में आधुनिक खतरों पर गहन शोध करना, ज्ञान साझा करना, क्षमता निर्माण, कौशल प्रदान करना और डिजिटल डोमेन में जनता तक पहुंचना शामिल है।

भारत में साइबर अपराधों के बदलते परिदृश्य को समझना कानून प्रवर्तन एजेंसियों, व्यक्तियों, व्यवसायों और नीति निर्माताओ के लिए महत्वपूर्ण है। यह रिपोर्ट न केइबर अपराधों के वितरण पर प्रकाश डालती है बल्कि इसकी आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। इन खतरों से निपटने के लिए सहयोगात्मक प्रयासों के लिए जैसे-जैसे प्रौद्योगिकी आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे साइबर अपराधियों की रणनीति भी आगे बढ़ रही है।

-हर्षवर्द्धन सिंह, सह संस्थापक, एफसीआरएफ