लखनऊ (ब्यूरो)। महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह (शिशु)/दत्तक ग्रहण इकाई में नवजातों की मौत के मामले में संस्था को फिलहाल क्लीन चिट मिल गई है। जांच टीम की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में साफ है कि किसी भी नवजात की मौत लापरवाही या अव्यवस्था के कारण नहीं हुई है। जांच रिपोर्ट में यह जानकारी भी सामने आई है कि मृत नवजात शिशुओं की आयु डेढ़ माह से साढ़े पांच माह के मध्य थी तथा उनका वजन 1200 ग्राम से लेकर 1600 ग्राम के करीब था। उनका लगातार उपचार भी चल रहा था।

पांच नवजातों को कराया गया भर्ती

संस्था में विगत पांच दिनों के अंदर गंभीर रूप से बीमार शिशुओं को उपचार के दौरान केजीएमयू व सिविल अस्पताल लखनऊ में भर्ती कराया गया था, जहां चार नवजात की मौत हो गई थी, जबकि एक का इलाज चल रहा है। उक्त नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य स्थिति संस्था में प्रवेश के समय से ही गंभीर थी। संस्था में विभागीय उच्च अधिकारियों, जनपद स्तरीय अधिकारियों व बाल कल्याण समिति लखनऊ द्वारा निरीक्षण कर घटना के संबंध में जानकारी ली गई। संस्था में अधिकतर नव प्रवेशित नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य स्थिति दयनीय होती हैं जैसे न्यून वजन, प्रीमेच्योर, अति दुर्बल, चोटिल, कुपोषित, संक्रमित तथा विभिन्न प्रकार के जन्मजात गंभीर रोगों से ग्रसित तथा दिव्यांगता से ग्रसित रहते हैं। सभी मृत नवजात शिशुओं का पोस्टमार्टम कराया गया है, जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है। उपरोक्त घटना की मजिस्ट्रीयल जांच भी कराई जा ही है, ताकि मृत्यु के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सके।

नवजात की हालत स्थिर

राजधानी के प्राग नारायण राजकीय बाल गृह के बीमार चल रहे नवजात का इलाज सिविल अस्पताल में चल रहा है। सीएमएस डॉ। आरपी सिंह ने बताया कि करीब 2 माह के नवजात को बच्चों के आईसीयू यानि पीकू वार्ड में रखा गया है। जहां उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। डॉक्टर लगातार उसपर नजर रखे हुए है। वहीं, सीएमओ डॉ। मनोज अग्रवाल ने बताया कि सूचना मिलने पर मंगलवार को मेडिकल टीम जांच के लिए गई थी। जिसकी रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी गई थी। जांच में कई बच्चे बीमार मिले थे। कई बच्चों में खून की कमी तो एक बच्चे में जन्म से अंधता की समस्या थी।