लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर प्राइवेट स्कूल संचालकों की ओर से फीस बढ़ाए जाने का निर्णय लिया गया है। इस बार इन संचालकों की ओर से नए सेशन से 11.69 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई जा सकेगी। यह फीस वृद्धि पिछले साल के मुकाबले 2.4 प्रतिशत अधिक है। यह निर्णय उत्तर प्रदेश शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन की कानपुर रोड स्थित सीएमएस स्कूल के प्रांगण में हुई बैठक में लिया गया है। एसोसिएशन के इस निर्णय से एक अप्रैल 2023 से पेरेंट्स पर फीस का भार बढ़ जाएगा।

11.69 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ेगी फीस

उत्तर प्रदेश शुल्क विनियमन अधिनियम 2018 के अनुसार, प्रदेश के निजी विद्यालयों में वार्षिक कंपोजिट फीस में सीपीआई प्लस 5 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है। वर्तमान सत्र 2022-2023 के लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यांवयन मंत्रालय द्वारा दी गयी सीपीआई 6.69 प्रतिशत है। अधिनियम के अनुसार शुल्क वृद्धि 6.69 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत यानी कुल 11.69 प्रतिशत तक ही की जा सकती है।

दो मदों में बढ़ाई जा सकती है फीस

फीस वृद्धि के निर्णय पर तो मुहर लग गई है। अब स्कूल संचालकों की ओर से दो मदों में मंथली कंपोजिट फीस या एग्जामिनेशन फीस में उक्त प्रतिशत के आधार पर वृद्धि की जा सकती है। इस बैठक से पहले ही यह लगभग तय था कि नए सत्र से प्राइवेट स्कूलों की ओर से 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ाई जाएगी, लेकिन बैठक में 1.69 प्रतिशत अतिरिक्त वृद्धि की तस्वीर सामने आई है।

60 दिन पहले की टाइमिंग

अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों की माने तो करीब 60 दिन पहले फीस वृद्धि को लेकर तस्वीर साफ करनी होती है, ताकि पेरेंट्स को अपना बजट इत्यादि मेनटेन करने के लिए समय मिल सके। इसके तहत शुक्रवार को हुई बैठक में फीस वृद्धि को लेकर अंतिम निर्णय लिया गया।

बैठक में ये लोग रहे मौजूद

बैठक में सीएमएस स्कूल के प्रबंधक एवं प्रख्यात शिक्षाविद जगदीश गांधी, एसोसिएशन की सचिव माला मेहरा, कोषाध्यक्ष रचित मानस, प्रवक्ता ख्वाजा सैफी यूनुस, संयुक्त सचिव रीता खन्ना मौजूद रहीं।

वर्तमान सीपीआई (कंज्यूमर प्राइज इंडेक्स) प्रतिशत को देखते हुए ही एसोसिएशन की ओर से फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है। यह भी स्पष्ट है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल 11.69 प्रतिशत से अधिक फीस वृद्धि नहीं कर सकता है।

-अनिल अग्रवाल, अध्यक्ष, अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन

फीस वृद्धि के नाम पर पेरेंट्स पर जबरन बोझ डाला जा रहा है। मेरा बस यही सवाल है कि शुक्रवार को जो फीस वृद्धि का निर्णय लिया गया है, क्या राज्य सरकार ने इस निर्णय को अनुमति दे दी है? अगर अनुमति नहीं दी है तो फीस वृद्धि का निर्णय औचित्यहीन है।

-प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, अध्यक्ष, अभिभावक कल्याण संघ