लखनऊ (ब्यूरो)। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक शुक्रवार को अचानक गोमतीनगर विस्तार स्थित यूपी मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन पहुंच गये। उनको वहां देखकर हड़कंप मच गया। इस दौरान उनको डॉक्टरों की अनुपस्थिति से लेकर बीपी, टिटनेस व शुगर जैसी दवाओं की कमी समेत अन्य तमाम प्रकार की खामियां मिलीं, जिसपर कड़ी नाराजगी जताते हुए उन्होंने दोषी दवा सप्लायर्स पर कड़ी कार्रवाई कर ब्लैक लिस्ट करने समेत अनुपस्थित लोगों को लेकर जवाब-तलब कर लिया।

15 कर्मचारियों से जवाब-तलब

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक करीब दो बजे यूपी मेडिकल सप्लाईज कारपोरेशन के ऑफिस पहुंच गये। जहां सबसे पहले उन्होंने अधिकारियों की हाजिरी रजिस्टर देखा। इस दौरान करीब 15 कर्मचारी देरी से पहुंचे या फिर मौके से गायब मिले। जिसपर नाराजगी जाहिर करते हुए कारपोरेशन के एमडी जगदीश त्रिपाठी को व्यवस्था में सुधार के साथ लेट व गैरहाजिर कर्मचारियों से जवाब-तलब कर लिया।

दवा कमी पर चुप्पी साध गये अधिकारी

शासन द्वारा 289 तरह की दवाओं को एसेंशियल ड्रग लिस्ट (ईडीएल) में शामिल किया गया है। निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने कारपोरेशन इनमें से कितनी दवाओं को अस्पतालों में आपूर्ति कर रहा है, सवाल पूछ लिया। जिसपर अधिकारियों ने बताया कि मौजूदा समय में 232 प्रकार की दवाओं की रेट कांट्रेक्ट (आरसी) हो पाया है, बाकी दवाओं की आरसी की प्रक्रिया चल रही है। जिसपर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी वेयरहाउस में 289 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होनी चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए।

दवाओं की करें पूरी निगरानी

सरकार मरीजों के हितों को लेकर दिन रात मेहनत कर रही है। इसके बावजूद कारपोरेशन के अफसर सुस्त हैं। अधिकारी सभी 75 जिलों में एक-एक गोली का हिसाब रखें। दवाओं की निगरानी करें। रोजाना प्रदेश के सभी ड्रग वेयरहाउस से दवाओं की खपत, मांग और स्टॉक की जानकारी लें। कारपोरेशन सीधे उनकी निगरानी करें। शासन के अफसरों को भी पूरी स्थिति से अवगत कराया जाए।

दोषी कंपनियों को करें ब्लैक लिस्ट

कारपोरेशन में दवा की उपलब्धता कम होने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए डिप्टी सीएम ने निर्देश दिया कि जो कंपनी ठेका हासिल करने के बाद दवा आपूर्ति करने में आनाकानी करें। उन्हें तत्काल ब्लैक लिस्ट किया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की देरी न की जाए। अस्पतालों में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ मरीजों को हर हाल में दवाएं मिलनी चाहिए। इसके कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी।