लखनऊ (ब्यूरो)। ठंड के मद्देनजर अस्पतालों में उपचार की पुख्ता व्यवस्था करें। खासतौर पर दिल के मरीजों के उपचार में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। राजधानी लखनऊ समेत कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, अयोध्या समेत दूसरे जिलों में दिल के मरीजों के भर्ती व उपचार की व्यवस्था को और बेहतर करें। जरूरत पडऩे पर बेड की संख्या में इजाफा करें। मरीजों के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाओं का स्टॉक दुरुस्त कर लें। ये निर्देश सोमवार को डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने ठंड के चलते राजधानी समेत प्रदेश में बढ़े दिल के मरीजों की संख्या को देखते हुए सभी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के अधिकारियों को दिए हैं।

मरीजों को सभी सुविधाएं दी जाएं

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि सर्दी में दिल के मरीजों की संख्या में इजाफा हो जाता है। ऐसे में, मरीजों को मुकम्मल इलाज मुहैया कराने के इंतजाम किये जायें। बेड की संख्या क्षमता के अनुसार बढ़ा लें। 24 घंटे इमरजेंसी का संचालन किया जाये। पैथोलॉजी, ईसीजी व ईको जैसी जांच सभी जरूरतमंद रोगियों की कराई जाये।

सीमित न करें मरीजों की संख्या

डिप्टी सीएम ने आदेश दिया है कि कार्डियोलॉजी विभाग की ओपीडी में अधिक से अधिक डॉक्टर बैठें। ओपीडी में आने वाले सभी रोगियों को उपचार उपलब्ध कराया जाए। जिन अस्पतालों में कॉर्डियोलॉजी रोगियों की संख्या सीमित कर रखी हैं, वे रोगी हित में पूरी क्षमता से ओपीडी का संचालन करें। सभी रोगियों को सलाह उपलब्ध करायें। बिना उपचार कोई भी मरीज लौटने न पाये।

ये दिये निर्देश

- दिल के मरीजों की ओपीडी में पूरी क्षमता से रोगी देखें

- जरूरत के हिसाब से बेड बढ़ायें

- आईसीयू व वार्ड में डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ की अतिरिक्त टीम लगायें

- वार्ड में ठंड से बचाव के इंतजाम करें

- दवाओं का स्टॉक दुरुस्त कर लें

- पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी की जांच 24 घंटे हो

डॉक्टर इलाज के साथ दूसरी जिम्मेदारियों को टालने से बचें

उप्र में स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। चिकित्सक और कर्मचारी अच्छा काम कर रहे हैं। बेहतर इलाज मिलने से चिकित्सालयों में रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है। चिकित्सकों पर उपचार के साथ दूसरी जिम्मेदारियां भी हैं। उनका निस्तारण डॉक्टर समय पर करें। जिम्मेदारियों को टालने से बचें। इससे कामकाज में और निखार आयेगा। ये बातें डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सोमवार को इंदिरानगर स्थित राज्य स्वास्थ्य संस्थान में नवीन कम्प्यूटर लैब एवं पुस्तकालय के नवीनीकरण के लोकार्पण के दौरान कहीं। इस दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह भी मौजूद रहे।

जांच में विलंब ठीक नहीं

कार्यक्रम में बोलते हुए डिप्टी सीएम ने कहा कि चिकित्सकों को इलाज के साथ कानून की भी जानकारी होनी चाहिए। समय-समय पर डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे नई चीजें व कानून को सीखते हैं, ताकि किसी भी प्रकार की जांच की जिम्मेदारी मिलने पर उसका समय पर निस्तारण किया जा सके। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि दोषी को छोडऩा नहीं है। निर्दोष पर किसी भी प्रकार की आंच नहीं आनी चाहिए। जांच में देरी नहीं होनी चाहिए। दोषियों को दंड देने का प्रावधान है, पर दंड सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है। दंड चेतावनी है। इससे कानून का राज कायम होता है। रोजमर्रा के काम को तय समय पर निस्तारित करें, क्योंकि आने वाला कल और भी चुनौतीपूर्ण होता है।