लखनऊ (ब्यूरो)। हर कोई उम्मीद करता है कि सफाई कर्मी समय से घर आए और वेस्ट कलेक्ट करके ले जाए लेकिन क्या आप आपके घर से वेस्ट कलेक्ट करने आने वाले कर्मचारी की सेहत की जरा सी भी फिक्र करते हैैं तो जवाब मिलेगा नहीं। आपके द्वारा घर के अंदर सूखा और गीला वेस्ट एक साथ रखे जाने से सफाई कर्मियों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है।

70 फीसद भवन स्वामी नहीं दे रहे ध्यान

नगर निगम प्रशासन द्वारा अपील किए जाने के बाद भी करीब 70 फीसदी ऐसे भवन स्वामी हैैं, जो सूखा और गीला वेस्ट अलग-अलग नहीं रख रहे हैैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) उप्र की ओर से दस्तक अभियान शुरू किया जाएगा। जिसमें भवन स्वामियों को वेस्ट रखने संबंधी तरीकों से रूबरू कराया जाएगा। राजधानी के पॉश एरिया हों या अन्य एरिया, सभी जगह भवन स्वामियों की ओर से सूखा और गीला वेस्ट एक साथ रखा जाता है। जिससे वेस्ट लेने आने वाले कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

विवाद की स्थिति बनती है

जब वेस्ट कलेक्शन कर्मियों की ओर से भवन स्वामियों से सूखा और गीला वेस्ट अलग-अलग रखने को कहा जाता है तो कई बार विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। ऐसे मामले गोमतीनगर और इंदिरानगर जैसे पॉश एरिया में ज्यादा देखने को मिलते हैैं। विवाद से बचने के लिए सफाई कर्मियों ने अलग-अलग वेस्ट रखने के लिए कहना बंद ही कर दिया है।

यह समस्या भी सामने आती है

निगम की ओर से जो वेस्ट कलेक्शन गाडिय़ां लगाई गई हैैं, उनको कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे घरों से निकलने वाले सूखे और गीले वेस्ट को अलग रखा जा सके। बाद में जब वेस्ट को शिवरी प्लांट ले जाया जाए तो सूखे और गीले वेस्ट का उचित निस्तारण कराया जा सके लेकिन जब भवन स्वामियों की ओर से सूखा, गीला और मेडिकल वेस्ट एक साथ ही दिया जा रहा है।

ये है वेस्ट रखने का कांसेप्ट

1-नीला डस्टबिन

इस डस्टबिन में सूखा वेस्ट जैसे टूटे हुए खिलौने, प्लास्टिक, लोहा और कपड़ा इत्यादि रखा जाता है

2-हरा डस्टबिन

इस डस्टबिन में किचन में बची हुई खाद्य सामग्री, फल, सब्जी के छिलके इत्यादि रखे जाते हैैं

3-पीला डस्टबिन

इस डस्टबिन में एक्सपायर मेडिसिन, सेनेटरी पैड इत्यादि रखे जाते हैैं।

ये हो सकता फायदा

अगर भवन स्वामियों की ओर से नीला और हरे डस्टबिन का ही कांसेप्ट अपना लिया जाए तो ये फायदे सामने आएंगे

1-वेस्ट कलेक्शन कर्मियों की सेहत बेहतर रहेगी

2-गीले वेस्ट से खाद बनाई जा सकेगी

3-सूखे वेस्ट का उपयोग इंटरलॉकिंग टाइल्स बनाने में हो सकेगा

चलाया जाएगा दस्तक अभियान

स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) उप्र की ओर से दस्तक अभियान शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इसके अंतर्गत घर-घर जाकर भवन स्वामियों को सूखा और गीला वेस्ट अलग-अलग रखने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही यह भी स्पष्ट है कि अगर बार-बार समझाने के बाद भी भवन स्वामी सूखा और गीला वेस्ट एक साथ रखेंगे तो उन पर जुर्माना किया जाएगा। अभी जुर्माने की राशि तय नहीं की गई है।

हमारी यही अपील है कि सभी भवन स्वामी सूखा और गीला वेस्ट अलग-अलग रखें। जिससे वे भी स्वस्थ रहें और सफाई कर्मी भी साथ ही पर्यावरण भी सेफ रहे। जल्द ही दस्तक अभियान शुरू किया जाएगा, जिसके माध्यम से भवन स्वामियों को जागरूक किया जाएगा।

-नेहा शर्मा, राज्य मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) उप्र