- एक जुलाई से ट्रक ऑपरेटर बढ़ा देंगे किराया
- ऐसे में बाहर से आने वाले माल की कीमतों में आएगा उछाल
LUCKNOW:
डीजल के दामों में लगातार हो रहे इजाफे से ट्रक आपरेटर्स परेशान हैं। लॉकडाउन के चलते उन्हें पहले से ज्यादा बुकिंग नहीं मिल रही है, वहीं डीजल के बढ़े दामों ने उनके कारोबार का गणित बिगाड़ दिया है। ऐसे में ट्रक ऑपरेटर्स ने एक जुलाई से किराया बढ़ाने की तैयारी की है। माल भाड़ा बढ़ने से इसका असर लोग किचन से लेकर उनके सपनों के महल तक पर पड़ेगा। साग-सब्जी से लेकर भवन निर्माण सामग्री तक के दाम बढ़ जाएंगे। गौरतलब है कि राजधानी में अधिकतर आइटम अन्य शहरों से आते हैं।
फल एवं सब्जियां
दाम बढ़ना शुरू हो गए
मानसून के चलते सब्जियों के दामों में 5 रुपए से लेकर 20 रुपए तक इजाफा हो चुका है। ट्रक आपरेटर जब लोडिंग चार्ज बढ़ा देंगे तो सब्जियों के दाम और भी बढ़ जाएंगे।
बारिश के चलते सब्जियों और फल के दामों में इजाफा शुरू हो गया है। सब्जियों की आपूर्ति करने वाले ट्रक आपरेटर अधिक किराया मांग रहे हैं। डीजल के बढ़े रेट का असर जल्द ही सब्जियों और फलों पर दिखेगा।
शहनवाज, दुबग्गा फल व सब्जी व्यापारी समिति
कहां से आते हैं फल और सब्जियां
सब्जी शहर
शिमला मिर्च हरियाणा
गोभी सोलन, इंदौर
परवल पलिया
देसी टमाटर बंग्लौर
खीरा रायपुर, छत्तीसगढ़
आलू हल्द्वानी
सेब हिमाचल प्रदेश
केला भुसावल
मौसम्बी आंध्र प्रदेश
मटर हिमाचल प्रदेश
इस समय फल और सब्जियों के रेट
आइटम होल सेल रेट फुटकर रेट
लौकी 8 रुपए 12 रुपए रुपए केजी
मूली 8 रुपए 10 रुपए प्रति पीस
घुइयां 16 रुपए 20 रुपए प्रति किलो
धनिया 80 रुपए 150 रुपए किलो
शिमला मिर्च 55 रुपए 65 रुपए प्रति किलो
बीन्स 34 रुपए 40 रुपए प्रति किलो
चुकंदर 18 रुपए 30 रुपए रुपए किलो
गाजर 18 रुपए 25 रुपए प्रति किलो
गोभी 20 रुपए 25 रुपए पीस
बंधा 25 रुपए 28 रुपए पीस
कददू 12 रुपए 15 रुपए प्रति किलो
बैगन 28 रुपए 32 रुपए प्रति किलो
परवल 28 रुपए 40 रुपए प्रति किलो
मटर 90 रुपए 120 रुपए प्रति किलो
खीरा 35 रुपए 45 रुपए प्रति किलो
हरी मिर्च 24 रुपए 28 रुपए प्रति किलो
अदरक 54 रुपए 60 रुपए प्रति किलो
- टमाटर 950 से लेकर 1100 रुपए कैरेट एक कैरेट में 25 किलो तक
फुटकर में 50 रुपए किलो
कपड़ा बाजार
10 फीसद बढे़ेंगे दाम
राजधानी ही नहीं पूरे प्रदेश में अधिकतर कपड़े की सप्लाई गुजरात से होती है। गुजरात के सूरत से यहां बड़ी मात्रा में कपड़ा आता है। कोरोना संकट के कारण कपड़ों की वहां से आपूर्ति पहले से ही प्रभावित है। अगर ट्रक आपरेटर्स ने किराया बढ़ा दिया तो कपड़ों के दाम में भी इजाफा हो जाएगा।
कपड़ों के दाम में 10 प्रतिशत का असर पड़ चुका है। ट्रांसपोर्टर्स ने अभी किराया बढ़ाया नहीं है। डीजल के दाम नहीं घटे तो भाड़ा बढ़ जाएगा और कपड़े के दामों में 10 प्रतिशत तक की और वृद्धि हो जाएगी।
देवेन्द्र गुप्ता, कोषाध्यक्ष
लखनऊ व्यापार मंडल
भवन निर्माण सामग्री
माल भाड़ा बढ़ जाने से अब लोगों को घर बनाना भी महंगा पड़ेगा। भवन निर्माण सामग्री के प्रयोग में आने वाले सभी आइटम बाहर से यहां लाए जाते है। ईट, बालू, मौरंग और सीमेंट की कीमतों में भी उछाल आएगा। भवन निर्माण सामग्री के कारोबारियों के अनुसार लॉकडाउन के चलते बालू और मौरंग सहित अन्य सामान की सेल पहले ही कम हो चुकी है। बढ़े हुए दाम के चलते भी सेल प्रभावित होगी। डीजल के बढ़े हुए दाम वापस होने चाहिए।
कहां से क्या आता है
आइटम कहां से आता है
सीमेंट मध्य प्रदेश
गिट्टी झांसी
मौरंग कानपुर, बांदा, हमीरपुर
भवन निर्माण सामग्री हो या लोगों की लाइफ से जुड़े अन्य आइटम माल भाड़ा बढ़ा तो सभी के दाम बढ़ना तय हैं। एक जुलाई के बाद बढ़े हुए दाम लागू किए जाएंगे। हम मांग भी कर रह है कि डीजल के दामों हुई बढ़ोतरी को वापस ले लिया जाए।
पंकज शुक्ला, महामंत्री
लखनऊ गुड्स ट्रासंपोर्ट एसोसिशन
हम लोगों पर भाड़े का असर नहीं आता है। सभी बड़ी कंपनियों के गोदाम यहां है, लेकिन जो माल यहां से अन्य जगहों पर जाता है, उन पर असर पड़ना शुरू हो जाएगा। तकरीबन दस प्रतिशत तक दाम बढ़ जाएंगे।
नितिन, व्यापारी
होम एप्लाएंसेज
मार्केट में पहले ही धंधा नहीं है। लोग माल की बुकिंग नहीं करा रहे हैं। कोई किराया बढ़ाता है तो अगला कम भाड़े में जाने को तैयार है। जिससे दिक्कत आ रही है। वाहनों की मेंटीनेंस में खासा खर्च हो रहा है।
अरुण अवस्थी, प्रदेश अध्यक्ष
द ट्रक ऑपरेटर एंड ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन
राजधानी में डीजल के दाम
डेट रेट
1 नवंबर 2019 65.99 रुपए प्रति लीटर
1 जनवरी 2020 68.15 रुपए प्रति लीटर
29 जून 2020 72.51 रुपए प्रति लीटर