लखनऊ (ब्यूरो)। रौशनी का पर्व दिवाली बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि आज शाम 5:04 के बाद प्रारंभ हो रही है। सोमवार का दिन हस्त नक्षत्र दिवा 3:18 तक है। इसके बाद चित्रा नक्षत्र रहेगी, जो अत्यंत शुभ है। सायं काल में दीपोत्सव के साथ ही मां लक्ष्मी, गणेश व कुबेर आदि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए। आज के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पं। राकेश पांडेय ने दी।

ऐसे करें लक्ष्मी-गणेश जी का पूजन

इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ -सुथरा करके दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपों से भी सजाना चाहिए। दिवाली के दिन दीपकों की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए दो थाली में दीपकों को रखें। चतुर्मुख दीपक दोनों थाली में सजायें, 31 छोटे दीपकों में तेल-बत्ती रखकर जला दें। फिर जल, अक्षत, पुष्प, रोली, दूर्वा, चंदन, अबीर, गुलाल हाथ में लेकर अर्पित करें। धान का लावा अर्पित कर निम्न मंत्र दीपमालिकायै नम: को पढ़ें। इसके बाद धूप-दीप दिखाकर लक्ष्मी-गणेश व कुबेर का उपरोक्त सामग्री आदि से पूजन कर भोग लगाकर आरती करें।

ऐसे करें मां लक्ष्मी को प्रसन्न

लक्ष्मी व कुबेर जी के प्रसन्नता को अपने पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए की आज के दिन रात्रि के समय में मां सरस्वती का ध्यान करते हुए सरस्वती की कृपा प्राप्ति के लिए जरूर पढ़े व काले रंग की स्याही से लिखे।

गणेश-लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

-सर्वोत्तम मुहूर्त वृष लग्न 6:36 से 8:33 तक

-मध्य रात्रि सिंह लग्न 1:04 से 3:18 तक

नोट-पूजन निष्ठा पूर्वक करने से मां लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।