- हनीट्रैप में फंसाकर वसूली के लिए डॉक्टर का किया था अपहरण

- विभूतिखंड पुलिस ने एक युवती को उसके साथी के साथ दबोच कर किया घटना का खुलासा

- आरोपी अमीर लोगों को हनीट्रैप के जाल में फंसा कर करते थे ब्लैकमेल

- डॉक्टर को अगवा कर 30 लाख की फिरौती मांगने का मामला

LUCKNOW: अपने हुस्न का जलवा दिखाकर ऊंचे ओहदे और रईस लोगों को हनीट्रैप के जरिए जाल में फंसाने वाला गैंग राजधानी में एक्टिव है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इस बारे में अपने 10 अक्टूबर के अंक में आगाह भी किया था। इसी कड़ी में विभूतिखंड पुलिस ने युवक और युवतियों के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अधेड़ और अमीर व्यक्तियों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे वसूली करते थे। रकम न मिलने पर उनके खिलाफ रेप के मुकदमे दर्ज कराने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलने का काम करते थे।

डेंटल डॉक्टर को किया था हनीट्रैप

एक दिसंबर को दांतों के एक डॉक्टर के साथ हुई घटना को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने टीमें बनाई। गैंग में शामिल दिल्ली निवासी युवती कहकशां उर्फ नीशू और ठाकुरगंज के सरदारनगर निवासी सचिन रावत को धर दबोचा। पुलिस गैंग में शामिल चार अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास कर रही है। पुलिस ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

डॉक्टर को अगवा कर मांगी थी 30 लाख की फिरौती

केजीएमयू के डेंटल डिपार्टमेंट में तैनात डॉक्टर अखिलेश चौबे को एक दिसंबर की रात कुछ बदमाशों ने वेब मॉल के सामने से अगवा कर लिया था। बदमाश उन्हें अलग अलग स्थानों पर लेकर गए फिर एक फ्लैट में ले गए। डॉक्टर का आरोप है कि उनसे 30 लाख रुपए फिरौती की मांग की गई। उन्हें रात भर टॉर्चर कर पीटा गया था। 30 लाख रुपए की फिरौती की बात दो लाख रुपए में तय हुई थी। पीडि़त ने विकासनगर के अपने एक परिचित डॉक्टर को फोन पर पैसे की जरूरत बताई। इसके बाद उन्होंने पैसे लेने के लिए बुलाया। इस दौरान कार से बदमाश उन्हें लेकर टेढ़ी पुलिया गए। इसके बाद डॉक्टर दोस्त के साथ पैदल गया। इस दौरान एक बदमाश निगरानी करने के लिए उनके पीछे पीछे चल रहा था। पीडि़त डॉक्टर के परिचित ने जब मामला सुना तो उनके होश उड़ गए। वह उन्हें लेकर इंस्पेक्टर विकासनगर के पास पहुंचे। इंस्पेक्टर ने एक पुलिसकर्मी को उनके साथ भेजा तब तक बदमाश फरार हो गए।

गिरफ्तारी के लिए बनाई गई थी पांच टीमें

मामला विभूतिखंड का होने के चलते डॉक्टर ने विभूतिखंड में मुकदमा लिखवाया था। एडीसीपी पूर्वी एसएम कासिम आब्दी ने प्रकरण के खुलासे के लिए पांच टीमों का गठन करके आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। पीडि़त डॉक्टर के बताए गए घटनास्थल के आसपास भी पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक किए। फुटेज और सर्विलांस सेल की मदद से विभूतिखंड पुलिस ने क्राइम ब्रांच की टीम की मदद से दो आरोपी सरदारनगर ठाकुरगंज निवासी सचिन रावत और दिल्ली की कहकशां खान उर्फ नीशू को गिरफ्तार कर लिया। अन्य फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

फरार है गैंग के मास्टर माइंड

इंस्पेक्टर विभूतिखंड संजय शुक्ला ने बताया कि गैंग में सचिन रावत और दिल्ली के जेजे कॉलोनी निवासी कहकहां को गिरफ्तार किया है। हालांकि गैंग के मास्टर माइंड अभी पुलिस की गिरफ्त से फरार हैं, जिसमें आदिल, बलराम वर्मा, नजर अब्बास, सना उर्फ तबस्सुम फातिमा उर्फ देवांशी और प्रवेश जायसवाल है। सना उर्फ तबस्सुम आदिल की पत्नी है। यहीं गैंग का मास्टर माइंड है। पकड़ी गई कहकशां सना की छोटी बहन है।

पहले डेट की फिर किया किडनैप

सना उर्फ तबस्सुम उर्फ देवांशी डॉक्टर अखिलेश चौबे से परिचित थी। उसने तीन से चार बार डॉक्टर के साथ डेट भी की थी। उसके बाद उसे गोल्फ सिटी में एक अपार्टमेंट के फ्लैट में मिलने के लिए बुलाया था। जहां पहुंचने पर उसने अपनी छोटी बहन कहकशां से मुलाकात कराई। इसके बाद नशीला ड्रिक पिलाकर उनकी अश्लील वीडियो व फोटो खींच ली गई, जिसके बाद वसूली का खेल शुरू हुआ।

राजस्थान से ऑपरेट हो रहा गैंग

सना, आदिल और कहकशां का कनेक्शन राजस्थान से है। यह वहीं से गैंग ऑपरेट करती हैं। शहर में डॉक्टर के अलावा कई और लोगों को उन लोगों ने शिकार बनाया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने अपने 10 अक्टूबर के एडिशन में इसका खुलासा भी किया था। पुलिस ने भी माना है कि जयपुर, लखनऊ समेत कई राज्य में उनका नेटवर्क फैला हुआ है। जेसीपी नीलाब्जा चौधरी ने अपील भी की है कि गैंग के शिकार हुए या उनके जाल में फंसे लोग जो कि ब्लैकमेल हो रहे हैं वह अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

कोट-

हनीट्रैप में फंसाकर लोगों को ब्लैकमेल करने वाले गैंग का खुलासा किया गया है। गैंग के दो मेंबर्स अरेस्ट किए गए हैं। अभी गैंग के मास्टर माइंड फरार हैं उन्हें जल्द अरेस्ट कर लिया जाएगा। केस की जांच की जा रही है कि शहर में और लोग भी उनके शिकार होकर ब्लैकमेल तो नहीं हुए। ऐसे लोगों से अपील है कि वह अपनी शिकायत दर्ज कराएं उनका नाम गोपनीय रखा जाएगा।

- नीलाब्जा चौधरी, ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर