लखनऊ (ब्यूरो)। कैंसर का पता समय से चल जाये तो उसका इलाज आसान हो जाता है। ट्रीटमेंट के साथ मजबूत इच्छाशक्ति का होना भी बेहद जरूरी है, क्योंकि ट्रीटमेंट के दौरान आपको मानसिक तौर पर मजबूत होना पड़ता है। कई बार ट्रीटमेंट के दौरान बाल झड़ने की समस्या, उल्टी आना, दस्त लगना, मुंह में छाले होना और चेहरे पर कालापन आने समेत अन्य कई समस्या आती है। जिससे घबराकर मरीज इलाज बीच में ही छोड़ देता है। जो कि उसके लिए खतरनाक हो सकता है।
डरने की जरूरत नहीं
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ। सुधीर सिंह के मुताबिक कैंसर मरीजों के साथ उनके परिजनों में भी बीमारी को लेकर डर बना रहता है। इसे देखते हुए साइकोलॉजिकल काउंसलिंग शुरू की गई है। कैंसर के मरीजों और उनके परिजनों की काउंसलिंग की जा रही है। उनको समझाया जाता है कि कैंसर का पूरा इलाज करवाएं।
मॉरल बूस्टअप किया जाता है
डॉ। सुधीर सिंह ने बताया कि कई बार मरीज कैंसर का नाम सुनकर डर जाता है। उसे लगता है कि अब हम खत्म हो जाएंगे। ऐसे में उनको समझाया जाता है कि कैंसर होने के बावजूद वो खुशहाल जिंदगी जी सकते है। इसके अलावा कई बार महंगा ट्रीटमेंट का नाम सुनकर इलाज नहीं करवाते है। तब काउंसलिंग करते हुए समस्या जाता है कि कैंसर के इलाज में कई सस्ती दवाएं भी आती हैं, जिनका महंगी दवाओं की ही तरह अच्छा असर होता है। यहां मरीज का मॉरल बूस्टअप किया जाता है।

इस तरह बढ़ाया जाता है आत्मविश्वास
- कैंसर के साथ भी जी सकते हैं खुशहाल जिंदगी
- कैंसर की सस्ती दवाएं भी आती हैं
- बीच में इलाज न बंद करें, आप ठीक हो सकते हैं
- कैंसर प्रारंभिक अवस्था में है तो आप ठीक हो जाएंगे

कैंसर मरीजों और उनके परिजनों में बीमारी को लेकर जो डर होता है, उसे काउंसलिंग से दूर करने का काम किया जा रहा है, ताकि वो पूरा ट्रीटमेंट करवाने के साथ मानसिक दबाव न हो।
डॉ सुधीर सिंह, केजीएमयू