लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू में गरीब मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के लिए एचआएफ के 13 मेडिकल स्टोर खोले गए हैं। जहां मरीजों को करीब 80 फीसद तक दवा और उपकरणों में छूट पर मिलती है। लेकिन यहां यूएचआईडी नंबर के माध्यम से खेल सामने आ रहा है। मरीजों के रजिस्ट्रेशन के समय यूनिक नंबर यूएचआईडी पर्चे पर दिया जाता है। इसी नंबर के आधार पर मरीजों की जांच होती है और दवा मिलती हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के यहां दवा नहीं मिल सकती है।
इस तरह किया गया खेल
कर्मचारी डॉक्टर द्वारा पर्चे पर लिखी गई दवाओं के अतिरिक्त अन्य दवाएं इसी यूएचआईडी के नंबर से निकाल लेते हंै और इन दवाओं को दलालों के माध्यम से बाजार में बेच दिया जाता है। जिसका सीधा नुकसान जरूरतमंद मरीजों को होता है।
अफसर बने रहे अंजान
केजीएमयू में यह खेल कई महीनों से चल रहा था, लेकिन अधिकारियों को इसकी भनक तक न लगी। जब दवा कंपनी से केजीएमयू के उच्च अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने इसके लिए जांच कमेटी गठित की है। हालांकि इस जांच कमेटी पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि जो डॉक्टर एचआरएफ को देखते हैं, उन्हें इस कमेटी का सदस्य बनाया गया है।